शोपीस बनकर पड़े हैं सामुदायिक शौचालय
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सिकरारा, हिन्दुस्तान संवाद।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों खर्च करके गांवो में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। लेकिन ग्राम पंचायतों में बनाये गए सामुदायिक शौचालय शोपीस बने हैं।
विकास खण्ड के दर्जनों ग्राम पंचायतों के सामुदायिक शौचालयों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। विकास खण्ड के पाण्डेयपुर गांव के तालाब के पास बना सामुदायिक शौचालय इसकी बानगी है। शौचालय का दरवाजा टूटा है। पानी के लिए बोरिंग तो कराई गई लेकिन सबमर्सिबल पम्प व पलम्बरिंग का काम अभी तक नहीं हो सका। रखरखाव के अभाव में शौचालय के बर्तन बेशिन टूट गए हैं। ग्रामीणों के मुताबिक उक्त शौचालय की छत बारिश के समय टपकती है। शौचालय तालाब से सटा होने के कारण बारिश के समय जलभराव के चलते शौचालय तक नहीं पहुंचा जा सकता। जाम गांव की मुसहर बस्ती में बना सामुदायिक शौचालय भी आधा अधूरा है। टूटे दरवाजे, गंदे बर्तन पड़े हैं। बोरिंग तो हुई लेकिन सबमर्सिबल पम्प नहीं लग सका, जबकि पेमेंट पूरा हो गया। यही स्थिति डीह जहनियां, फूलपुर, पालपुर, इब्राहिमाबाद, कुंवरदा अन्य गांवों की है।
हाईलाइटर..
ब्लाक में कुल ग्राम पंचायत -- 81
कुल निर्मित सामुदायिक शौचालय - 80
क्रियाशील शौचालय-- 25
अक्रियाशील शौचालय -- 55
(चकमाहन ग्राम पंचायत में नहीं बन सका।)
