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प्राधिकरण सचिव ने पान आश्रयों का निरीक्षण किया

बुजुर्गों के रख रखाव और नियमों की दी जानकारी बुजुर्गों के रख रखाव और नियमों की दी जानकारी जौनपुर वरिष्ठ संवाददाता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव...

प्राधिकरण सचिव ने पान आश्रयों का निरीक्षण किया
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,जौनपुरThu, 25 Aug 2022 01:10 AM
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जौनपुर वरिष्ठ संवाददाता

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव विवेक विक्रम ने मंगलवार को आश्रय गृह पुराना पान दरीबा, प्रेमराजपुर, का निरीक्षण किया और विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर में लोगों को जानकारी दी।

जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाणी रंजन अग्रवाल के निर्देशन में सचिव ने ‘माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के बारे में बताते हुए कहा कि कोई भी वरिष्ठ नागरिक, जिसकी आयु 60 वर्ष अथवा उससे ज्यादा है इसके अंतर्गत आते हैं। जो लोग अपनी आय या अपनी संपत्ति से होने वाली आय से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं, वे अपने वयस्क बच्चों या रिश्तेदारों से भरण-पोषण प्राप्त कर सकते हैं। इस अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि अगर रख रखाव करने का दावा करने वाले दादा-दादी या माता-पिता हैं ओर उनके बच्चे या पोता-पोती अभी नाबालिग हैं तो वो अपने रिश्तेदार जो उनकी मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकारी होगा पर भी दावा कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिक या माता-पिता दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के प्रावधान के तहत भी न्यायिक दण्डाधिकारी प्रिम श्रेणी न्यायालय में भरण-पोषण का आवेदन पेश कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा या फिर उन्हें घर से निकाल देना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए पांच हजार रूपये का जुर्माना या तीन महीने की कैद या दोनों हो सकता है।

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