Relation of trend of crimes to the moon: चंद्रकलाओं का असर अपराध पर भी पड़ता है। चंद्रमा के अनुसार अपराध का ट्रेंड बदलता है। अंधेरी रात में यानी अमावस्या के आसपास संपत्ति से जुड़े अपराध ज्यादा होते हैं तो वहीं पूर्णिमा पर शरीर से जुड़ा अपराध बढ़ जाता है। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएनडी) द्वारा चार साल के आंकड़ों पर शोध के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है।
बीपीआरएनडी की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, कृष्ण पक्ष में लूट-छिनैती और चोरी जैसी वारदात तीन गुना होती हैं जबकि शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा के इर्दगिर्द दुष्कर्म, अपहरण, हत्या और खुदकुशी के मामले तीन गुना तक हो जाते हैं। पुलिस अधिकारी अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अब चंद्रकलाओं के अनुसार पुलिसिंग करने की तैयारी है।
दरअसल, बीपीआरएनडी ने सीसीटीएनएस और 112 नम्बर पर आने वाली सूचनाओं के डेटा के आधार पर जिले और थानावार होने वाले अपराध पर शोध किया। ब्यूरो ने शोध के बाद सभी जिलों को थानावार इसका डाटा भेजा है। इस रिपोर्ट में घंटा, दिन, सप्ताह व महीने के हिसाब से अपराध का ब्योरा है।
ज्योतिषी हरेन्द्र भारद्वाज का कहना है, कि पूर्णिमा और अमावस्या के समय चंद्रमा का आकर्षण पृथ्वी की ओर बढ़ जाता है। इस दौरान मन में व्यथा और आक्रमकता बढ़ जाती है। मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति आतंक के चरम पर होते हैं। ऐसी स्थिति में मनुष्य अपने कामों पर चिंतन न करते हुए अपराध की ओर आकर्षित होने लगता है।
यूपी के डीजीपी रहे विजय कुमार ने अमावस्या के समय क्राइम मैपिंग के निर्देश दिए थे। सितम्बर 2023 में उन्होंने इसको लेकर एक आदेश भी जारी किया था। आदेश के साथ पंचाग की प्रतियां भी भेजी थीं। उनका मानना था कि पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के एक हफ्ते पहले और एक हफ्ते बाद तक अपराध की अधिक घटनाएं होती हैं।
एसपी नार्थ जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बीपीआरएनडी की रिपोर्ट से पता चला है कि पूर्णिमा के इर्द-गिर्द शरीर से जुड़े अपराध होते हैं तो अमावस्या में सम्पत्ति से जुड़ी घटनाएं होती हैं। मन से जुड़े अपराध पर परिवार, समाज को भी नजर रखने की जरूरत है। सम्पत्ति से जुड़े अपराध को पुलिस गश्त बढ़ाकर रोकने का प्रयास किया जा रहा है।