
जेल से बाहर आने से पहले ही इरफान सोलंकी की मुश्किलें फिर बढ़ीं, मिला ईडी का नोटिस
संक्षेप: करीब दो हजार पेज के बताए जा रहे इस वाद में मनी लाॅड्रिंग, बांग्लादेशी को फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने, अवैध संपत्तियां बनाने समेत कई आरोप हैं। नोटिस जारी कर पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, डॉ. रिजवान मोहम्मद, मन्नू रहमान, मो. वशी खान और कमर आलम को अपना पक्ष रखने के लिए 29 सितंबर को तलब किया था।
पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को सभी मुकदमों में जमानत मिल चुकी है हालांकि अभी वह रिहा नहीं हुए हैं। इससे पहले ही ईडी ने भी उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ईडी ने पूर्व विधायक इरफान सोलंकी समेत पांच लोगों को नोटिस जारी कर सोमवार के लिए तलब किया था। हालांकि इस मामले में दो लोग अपना पक्ष रखने विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो लखनऊ पहुंचे। यहां उन्हें अगली सुनवाई के लिए 28 अक्टूबर का समय दिया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने मार्च 2024 में इरफान सोलंकी के पांच ठिकानों पर छापा मारा था। जिसमें जांच टीम को अहम दस्तावेज हासिल मिले थे। इस दौरान 30 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं, संदिग्ध लेनदेन और बांग्लादेशी नागरिक को आश्रय देने के आरोपों के तहत की गई थी। इसी मामले में ईडी के ईडी लखनऊ जोनल कार्यालय के कंप्लेंट असिस्टेंट डायरेक्टर प्रताप सिंह ने सात अगस्त 2025 को वाद दाखिल किया था।
करीब दो हजार पेज के बताए जा रहे इस वाद में मनी लाॅड्रिंग, बांग्लादेशी को फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने, अवैध संपत्तियां बनाने समेत कई आरोप हैं। जिसके बाद विशेष न्यायाधीश की ओर से नोटिस 19 सितंबर को पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, डॉ. रिजवान मोहम्मद, मन्नू रहमान, मो. वशी खान और कमर आलम को अपना पक्ष रखने के लिए 29 सितंबर को तलब किया था। इस मामले में मन्नू रहमान की ओर से अधिवक्ता मो. सलीम ईडी की विशेष कोर्ट में अपना पक्ष रखने पहुंचे। उन्होंने ईडी की ओर से पैरवी कर रहे अभियोजन अधिकारी से वाद पत्र की प्रति मांगी है। मो. सलीम ने बताया कि किन्ही कारणों से अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिल सका। जिसके बाद अगली सुनवाई के लिए 28 अक्तूबर की तारीख दी गई है।
कई संपत्तियां शामिल
पुलिस और ईडी की कार्रवाई में करीब 30 करोड़ की अचल संपत्तियां जब्त की गईं थीं। इसमें फ्लैट, दुकानें, मकान और जमीन शामिल हैं। ये संपत्तियां संपत्तियां जाजमऊ, चमनगंज, फजलगंज और कानपुर के अन्य पॉश इलाकों में बताई जाती हैं।
34 महीने बाद रिजवान सोलंकी रिहा
उधर, हाईकोर्ट से गैंगस्टर में जमानत मिलने के बाद सोमवार को रिजवान सोलंकी की जेल से रिहाई हो गई। जबकि पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के मंगलवार को रिहा होने की उम्मीद है। दीवानी न्यायालय परिसर से ही महाराजगंज जेल के लिए रेडियोग्राम भेजा गया है।
जाजमऊ थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार दुबे की तहरीर पर इरफान सोलंकी भाई रिजवान सोलंकी, इसराइल आटेवाला, मोहम्मद शरीफ और शौकत अली के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 3(1) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद एजाज उर्फ अज्जन और मुर्सलीन उर्फ भोलू का भी नाम विवेचना में सामने आया था। इस मामले में 27 जून 2023 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी जिस पर कोर्ट ने 21 जुलाई को संज्ञान लिया था। इस मामले में 17 सितंबर 2025 को आरोप पत्र बना जिसके बाद मुकदमे का ट्रायल शुरू हो गया। वर्तमान में यह मामला विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इरफान, रिजवान व इसरायल आटेवाला को बीते सप्ताह हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। शुक्रवार को जिला न्यायालय ने एक-एक लाख रुपये के दो बेल बांड पर रिहाई के आदेश दिए थे।अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि रिजवान तो देर शाम रिहाई मिल गई जबकि इरफान के रिहाई परवाना पर जेल ने रिपोर्ट भेजी कि वह महराजगंज जेल में बंद हैं। इस पर नजारत से महराजगंज जेल के लिए रेडियोग्राम कर रिहाई परवाना भेजा गया। मंगलवार को इरफान के रिहा होने की उम्मीद है।
मीडिया से बात करते रो पड़ा रिजवान
रिजवान सोलंकी को जेल से लेने के लिए परिजन और दोस्त व पार्टी के कई लोग पहुंचे थे। रिजवान ने भाई को देखते ही सीने से लगा लिया। इसके बाद अपने दोनों बच्चों को गोद में लेकर गले लगाया। वह बच्चों को गोद में लेकर ही गाड़ी में बैठा। इससे पहले मीडिया से बात करते हुए उसने कहा एक लंबे अर्से बाद मां के सिर पर हाथ फेरने का मौका मिलेगा। जाली से उनसे मिलाया जाता था। छूने तक नहीं दिया जाता था। बच्चों से भी मिलने नहीं दिया जाता था। यह कहते हुए वह रो पड़ा। इरफान भाई के साथ विधायक की गाड़ी में पहले कब्रिस्तान में अपने पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी की कब्र पर पहुंचा। यहां सिर झुकाने के बाद वह अपने घर पहुंचा। रिजवान को लेने कई गाड़ियां पहुंची थीं लेकिन पुलिस ने दो गाड़ियों को छोड़कर बाकी सब बाहर करा दीं।
डॉ. रिजवान मोहम्मद का परिवार गया था जेल
प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में बांग्लादेशी डॉ. रिजवान मोहम्मद को प्रमाण पत्र मुहैया कराने के मामले में इरफान को आरोपी बनाया गया है। मूलगंज पुलिस ने 2023 में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले का खुलासा होने के बाद डॉ. रिजवान उसकी पत्नी और बच्चों को जेल भेजा गया था। पुलिस एमपीएमएलए लोअर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। हालांकि डॉ. रिजवान और उसके परिवार को भी जमानत मिल चुकी है। मामला सुनवाई पर चल रहा है।





