
इकरा हसन मेरी छोटी बहन, चंद्रशेखर आजाद ने कैराना सपा सांसद पर दिया ये बयान
संक्षेप: यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के समर्थन में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि इकरा हसन मेरी छोटी बहन हैं। उसके खिलाफ जो बयानबाजी की जा रही है, वह गलत है। मैं उसके साथ खड़ा हूं।
आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भीम आर्मी के चीफ, सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सपा सांसद इकरा हसन मेरी छोटी बहन हैं। मैं उसके साथ खड़ा हूं। उसके खिलाफ जो बयानबाजी हुई है, वह गलत है। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसानों, नौजवानों, पढ़े-लिखे नौजवानों समेत तमाम वर्गों के लिए तेजी से आगे बढ़ती आजाद समाज पार्टी ही मजबूत विकल्प है।

दरअसल, कैराना से सपा सांसद इकरा हसन एक कार्यक्रम में भावुक हो गई थीं। और बोलीं कि मुझे मेरा कसूर बताओ। कहा कि इस तरह मेरा और मेरे समाज का सिर दुनिया के सामने नहीं झुकाओ। इकरा ने पूर्व सांसद प्रदीप कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इकरा यह कहते हुए कि उन्हें 'मुल्ली' और 'आतंकी' कहा गया।
विद्या मंदिर को राजनीति का अड्डा न बनने दें
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि आजादी मांगने से नहीं बल्कि छीनने से मिलती है। क्रांतिधरा मेरठ इसकी गवाह है। आजादी के लिए बलिदान देना पड़ा। देश ने एकजुटता से लड़ाई लड़ी तभी अंग्रेजों से आजादी मिली थी। मौजूदा हालात और दौर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सूबे में हालात और दौर बदलेगा। सत्ता परिवर्तन होगा। स्कूल-कॉलेज, विवि शिक्षा हासिल करने के लिए, अस्पताल इलाज के लिए और इबादतगाह स्थल इबादत के लिए हैं। वहां राजनीति नहीं होनी चाहिए। विद्या मंदिर को राजनीति का अड्डा न बनने दें। यदि सरकार शिक्षा के मंदिरों में राजनीति को अनुमति देती है तो कालेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघों के चुनाव की बहाली कराते हुए चुनाव कराएं।
दलितों, मुस्लिमों, गुर्जर समाज के लोगों के उत्पीड़न के मुद्दे उठाए
गुरुवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में चंद्रशेखर आजाद ने विचार रखे। उन्होंने सांसद चंद्रशेखर आजाद समेत तमाम वक्ताओं ने दलितों, मुस्लिमों, गुर्जर समाज के लोगों के उत्पीड़न के मुद्दे उठाए। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि प्रदेश-देश मे दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, किसानों, नौजवानों सभी को एकजुट होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपना स्वाभिमान और सम्मान, धार्मिक आजादी कायम रखनी होगा।





