
यूपी में गौसेवा के नाम पर 21 करोड़ की ठगी, बैंक मैनेजर ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, पुलिस भी हैरान
संक्षेप: उत्तर प्रदेश में गौसेवा आयोग के नाम पर एसबीआई में एक करेंट एकाउंट खोला गया। एक महीने के अंदर ही इस खाते में 30 करोड़ रुपए आ गए। कुछ दिनों बाद ही 21 करोड़ निजी खातों में ट्रांसफर भी हो गए। मैनेजर को इस तरह पैसे आना और जाना अटपटा लगा। तह में गए तो फर्जीवाड़े का पता चला है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में गौसेवा के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करके 21 करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। भारतीय स्टेट बैंक की छावनी स्थित शाखा में कुछ समय पहले गौसेवा ट्रस्ट के नाम से करेंट एकाउंट खुला था। इसमें रुपए आए और कुछ दिनों बाद निजी खातों में निकलने लगे तो बैंक मैनेजर को शक हुआ। इसके बाद खाते को फ्रीज कर साइबर पुलिस को मैनेजर ने जानकारी दी। गौसेवा के नाम पर इतने रुपए जुटने से पुलिस भी हैरान है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि किस तरह से लोगों को चूना लगाया गया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य साजिशकर्ता और सरगना फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर है। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस को एक मोबाइल फोन, दो फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं।

जिले के साइबर थाना के प्रभारी प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपियों की कारगुजारी का पता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की छावनी शाखा के प्रबंधक को उस समय लगा जब पिछले माह 27 अगस्त को उनके यहां गौसेवा ट्रस्ट के नाम से चालू खाता खोलने वालों के खाते में जमा रकम में से केवल सात लाख रुपये छोड़ कर बाकी 20 करोड़ 93 लाख रुपये दो-तीन दिन में ही अन्य खातों में भेज दिए गए।
पुलिस ने बताया कि उक्त धनराशि उनके संयुक्त खाते में बीते चार से सात सितंबर के बीच विभिन्न खातों से जमा कराई गई थी। एक ट्रस्ट द्वारा इस प्रकार पूरी रकम निजी खातों में जमा किये जाने और फिर अचानक से ही अन्य खातों में इसे भेजने पर प्रबंधक को दाल में कुछ काला नजर आया तो उन्होंने खाता 'होल्ड' करके एक खाताधारक को इसकी सूचना दी और कारण जानने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
दूसरी ओर साइबर अपराध थाने को 'राष्ट्रीय साइबर अपराध रिकॉर्ड पोर्टल' (एनसीआरपी) के माध्यम से 10 दिनों के भीतर आगरा, अलीगढ़ के साथ ही राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु समेत देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों से ऑनलाइन 144 शिकायतें प्राप्त हो चुकी थीं। पुलिस ने ऐसे में खाता खोलने वाले गौतम उपाध्याय, शिवम कुमार और गोविंद कुमार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की गई। अब पुलिस करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले सरगना का पता लगाने के साथ -साथ इस बात का भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर इन लोगों ने इतने बड़े ठगी कांड को कैसे अंजाम दिया।

लेखक के बारे में
Yogesh Yadavयोगेश यादव हिन्दुस्तान में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर हैं।
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