
बहराइच में तीन साल की मासूम का एक हाथ खा गया भेड़िया, जबड़े से छीनी बेटी फिर भी मौत
संक्षेप: यूपी के बहराइच में एक बार फिर भेड़िए का खौफ बढ़ता जा रहा है। भेड़िए ने तीन साल की मासूम पर हमला किया और उसे दबोच लिया है। जब तक भेड़िए के जबड़े से मासूम को खींचा जाता उसका एक हाथ खूंखार खा चुका था। परिवार के लोग मासूम को लेकर तत्काल अस्पताल भागे लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
बहराइच में महसी इलाके से कैसरगंज के मंझारा तौकली के गांव बाबा पटाव में घर में खेल रही तीन वर्षीय मासूम बच्ची को भेड़िया उठा ले गया। गन्ने के खेत में लेकर भागा, ग्रामीण उसके पीछे दौड़े तब तक वह मासूम का एक हाथ खा चुका था। लोग भेड़िए से छीनकर बच्ची को अस्पताल ले गए वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मंझारा तौकली गांव के विभिन्न मजरों में बच्चों को भेड़िए की उठाने की यह छठी घटना है। इनमें तीन की मौत हो चुकी है एक बच्चा लापता है।
बाबा पटाव बंगला निवासी बाबूलाल की तीन वर्षीय बेटी सोनी बुधवार दोपहर लगभग तीन बजे घर के आंगन में खेल रही थी। अचानक भेड़िया घर में घुसा। जब तक घर के लोग संभलते भेड़िया मासूम को अपने जबड़े में दबोच ले गया। बाबूलाल के चिल्लाने पर लोगों ने लाठी-डंडे लेकर भेड़िया का पीछा किया तो लगभग 500 मीटर की दूरी पर मासूम गन्ने के खेत में घायल अवस्था अवस्था में मिली। भेड़िये ने मासूम का एक हाथ खा लिया था।
ग्रामीण आनन-फानन में मासूम को इलाज के लिए फखरपुर सीएचसी लाए। चिकित्सकों ने उसे बचाने की भरसक कोशिश की मगर मासूम की सांसे थम गईं। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही बरतने पर गंभीर आरोप भी जड़े हैं। बच्ची की मौत के बाद वन विभाग कर्मी भी पहुंचे लेकिन भेड़िया उनके हाथ नहीं लगा।
ग्रामीणों ने बच्चों को मचान पर शिफ्ट किया
तेजवापुर (बहराइच), संवाददाता। नौ सितंबर से कैसरगंज, महसी, बौंडी और जफरगंज इलाके में भेड़िये के हमले में तीन मौतें हो गईं। एक बच्चे को भेड़िया खींच ले गया और एक अभी लापता है। इसे लेकर मंझारा तौकली गांव के दो किलोमीटर आसपास इलाके में दहशत है। लोग अपने बच्चों को मचान पर शिफ्ट कर रहे हैं जिसके घर में आंगन नहीं है और दरवाजा खुला है वह लोग अपने बच्चों को रात में मचान पर ही सुला रहे। वन विभाग अभी तक भेड़िया या अन्य किसी वन्यजीव की परछाई भी नहीं पा सका है।
शनिवार को मंझारा तौकली के मजरा गंधुझाला में एक तीन साल के मासूम अंकेश सुबह दस अपने आंगन में बड़ी बहन के साथ खेल रहा था। जिसको जंगली जानवर अपने जबड़े में दबोच कर भाग निकला। काफी खोजबीन के बाद भी अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। रक्षाराम यादव का पूरा परिवार सदमे में हैं। वहीं से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर भिरगू पुरवा गांव में भेड़िया हमला बोल दिया जिसमें राजा निषाद (साधु) जो सोमवार की रात्रि को मच्छरदानी लगाकर सो रहे थे।
भोर पहर करीब साढ़े चार बजे भेड़िया ने इन पर हमला बोल दिया और उनकी जांघ को नोच लिया। शोर मचाने पर लोग एकत्रित हुए और भेड़िया का पीछा किया तो गन्ने की खेत की ओर भाग लिया। मंगलवार सुबह करीब दस बजे मंझारा तौकली के मजरा बलराजपुरवा निवासी सूर्यलाल पर भेडिया ने हमला बोलने की कोशिश कि लेकिन बच गए फिर भी नाखून का निशान लग गया।
भेड़िया की इतनी दहशत है कि कुछ ग्रामीण अपने बच्चों को रिश्तेदारी में भेज रहे हैं। लोग अपनी और अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए मचान बनाकर रह रहे हैं। ग्रामीणों का कहना कि बौंडी इलाके में कुछ भेड़िया की मांद भी दिखी है। उन्होंने बताया कि इलाके में भेड़िया ही नहीं तेंदुआ भी है। जो क्षेत्र के ही जंगलों में रहते है। प्रभावित इलाकों में दशहत बरकरार है।
भेड़िया के हमले की घटनाएं
नौ सितंबर को मंझारा तौकली के पयागपुरवा,11 सितंबर को बभननपुरवा व बहोरवा,13 सितंबर को हरीरामपुरवा व नरेशपुरवा,17 सितंबर को कोनिया गांव,18 सितंबर को प्यारेपुरवा, 20 सितंबर को गंधुझाला,23 सितंबर भोर पहर भिरगू पुरवा और 24 सितंबर को जफरगंज में भेड़िया ने हमला बोला है। इसमें तीन मासूमों की मौत, एक मासूम लापता समेत लगभग एक दर्जन लोग घायल है इसके साथ-साथ बकरियों को भी अपना निशाना बना चुका है। 23 सितम्बर को एक अन्य मजरे में बच्चे को भेड़िया उठा ले गया था जिसे ग्रामीण मशक्कत के बाद छीन लाए।
वन विभाग की व्यवस्था
भेड़िया को पकड़ने के लिए वनविभाग की ओर से विशेषज्ञों के साथ कैमरों से निगरानी की जा रही है। भेड़िया प्रभावित इलाकों में चार सेक्टरों में विभाजित अधिकारियों द्वारा गश्त कर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। भेड़िया को पकड़ने के लिए दो थर्मल ड्रोन कैमरे, संवेदनशील स्थलों पर कैमरा ट्रैपस,सोलर सीसीटीवी कैमरे, तीन ट्रैपिंग केज लगाया गया है।

लेखक के बारे में
Yogesh Yadavयोगेश यादव हिन्दुस्तान में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर हैं।
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