Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़husband declared wife dead loan waiver took photo of her as dead body laying on river bank gram pradhan revealed truth

पत्‍नी को नदी किनारे लिटाया और फोटो लेकर पहुंचा गांव, प्रधान से पति की सच्‍चाई सुन दंग रह गए लोग

  • गोरखपुर में एक पति ने अपनी पत्‍नी को शव की तरह नदी किनारे लिटाया, साथ में बैठकर फोटो खींची और गांव पहुंचकर पत्‍नी के मरने की झूठी कहानी सुना दी। उसने पत्‍नी का शव धारा में प्रवाहित करने का दावा किया और फिर डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए प्रधान के पास पहुंच गया।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, गोरखपुर। हिन्‍दुस्‍तानSun, 8 Sep 2024 07:40 AM
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Husband-Wife story: यूपी के गोरखपुर में एक पति ने अपनी पत्‍नी को शव की तरह नदी किनारे लिटाया, साथ में बैठकर फोटो खींची और गांव पहुंचकर पत्‍नी के मरने की झूठी कहानी सुना दी। उसने पत्‍नी का शव धारा में प्रवाहित करने का दावा किया और फिर प्रधान के घर मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पहुंच गया। शक होने पर प्रधान ने जांच कराई तो पता चला कि युवक ने यह सब ड्रामा पत्नी के नाम लिया गया सात लाख का लोन माफ कराने के लिए किया है। कई माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों से उसने पत्नी के नाम से लोन लिया है। जब उसकी पत्नी की मौत हो जाती तो यह लोन माफ हो जाता। हालांकि इसके लिए उन्हें महिला का मृत प्रमाणपत्र लगाना पड़ता।

सहजनवा तहसील क्षेत्र में यह अजब-गजब मामला सामने आया है। गांव के रहने वाले युवक ने अपनी पत्नी को सोशल मीडिया के जरिए मृत साबित करने का प्रयास किया। उसने पत्नी की इलाज के दौरान मेडिकल कालेज में मौत होने की कहानी गढ़ी। इतना ही नहीं, उसने बाकायदे नदी के घाट पर पत्नी को लिटाकर उस पर कफन डालने के बाद फोटो खिंचवाई और उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया।

जिस दिन उसने पत्नी की मौत और उसे नदी में प्रवाहित करने की सूचना दी, उसी रात को प्रधान के घर पत्नी का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने पहुंच गया। प्रधान ने जब गांव में पता किया तो ग्रामीणों ने बताया कि पत्नी की मौत की सूचना तो उसने दी है लेकिन उसके बाद का कोई कर्मकांड नहीं कर रहा है। इसपर प्रधान को शक हुआ उन्होंने अपने स्तर जांच शुरू की। जांच के दौरान युवक की पत्नी मायके में जिन्दा हाल में मिली। उसे बुलाकर प्रधान प्रतिनिधि गांव ले आये। महिला को जिन्दा देख गांव के लोग हैरान हो गए। उधर, अपनी पोल खुलने के बाद आरोपी युवक घर से भाग गया है।

क्रिया कर्म न करने से खुली अजय की पोल

प्रधान ने बताया युवक दो सितंबर की रात को आया और पत्नी का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने की बात कहने लगा। उसने बताया कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब होने पर उसे बीआरडी मेडिकल कालेज ले गया था। डॉक्टर ने जांच लिखी थी। जांच कराने जा रहा था कि पत्नी ने पानी मांगा और पानी पीते ही उसकी मौत हो गई। पत्नी के शव को मानीराम में जमुआर उतरासव के पास राप्ती नदी में जल प्रवाहित कर दिया। उसने नदी के पास पत्नी के शव के पास बैठे हाल में फोटो भी दिखाई। प्रधान ने पूछा कि पत्नी की मौत के बाद उसने गांव के किसी व्यक्ति को सूचना क्यों नहीं दी, उसका कालेसर मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार कराया जाता। इस पर उसने कोई जवाब नहीं दिया। प्रधान ने शक होने पर उसके पट्टीदारों और पड़ोसियों से पता किया तो उन लोगों ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद का कोई क्रिया कर्म वह नहीं कर रहा है। प्रधान ने उसकी ससुराल के बारे में जानकारी की और उसके ससुर से बात की तो पता चला कि उसकी बेटी जिन्दा है, उसकी तबीयत खराब है, वह मायके में रहकर इलाज करा रही है।

पत्नी ने बताया कि कर्ज माफी को पति ने ऐसा किया

प्रधान प्रतिनिधि के आग्रह पर युवक के ससुर अपनी बेटी को लेकर मगहर दुर्गा मंदिर के पास आए। प्रधान ने महिला से इस बारे में बात की। उन्होंने यह पूछा कि उसका पति उसके जीते जी उसे क्यों मार रहा है। इस पर महिला ने बताया कि पति ने उसके नाम से कई माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों से कर्ज लिया है। कर्ज की रकम सात से आठ लाख रुपये हो गई है। उसे चुकाने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। इस कर्ज से पीछा छुड़ाने के लिए उसने ऐसा किया है। मौत की जानकारी देने पर कर्ज चुकाने से मुक्ति मिल जाती।

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