Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़huge assets of 19 up officers ex mla in other states revealed in cbi ed vigilance investigation

UP के 19 अफसरों, विधायकों की दूसरे प्रदेशों में अकूत संपत्ति, CBI-ED-विजिलेंस की घेराबंदी में खुलासा

  • अफसरों, विधायकों, पूर्व विधायकों, इंजीनियरों और रिटायर अफसरों ने सिर्फ UP ही नहीं बाहर के प्रदेशों में भी अकूत सम्पत्ति बना डाली। दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, बिहार और देहरादून तक में इनकी सम्पत्तियां निकली। नोएडा में भी रिटायर अफसरों के काम्पलेक्स मिले।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, लखनऊ। विधि सिंहMon, 11 Nov 2024 01:39 AM
share Share

यूपी के 19 अफसरों, विधायकों, पूर्व विधायकों, इंजीनियरों और रिटायर अफसरों ने सिर्फ यूपी ही नहीं बाहर के प्रदेशों में भी अकूत सम्पत्ति बना डाली। दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, बिहार और देहरादून तक में इनकी सम्पत्तियां निकली। दिल्ली से सटे नोएडा में भी रिटायर अफसरों के काम्पलेक्स मिले तो चंडीगढ़ स्थित कोठी में करोड़ों की कीमत के हीरे लॉकर में निकले। रिटायर आईएएस मोहिन्दर सिंह, निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबन्धक राजवीर सिंह, जलनिगम के पांच पूर्व इंजीनियरों के पास अरबों-करोड़ों की सम्पत्ति मिली। विजिलेंस, ईडी और सीबीआई के दो महीनों के छापे में ही यह खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि अभी इन सभी की सम्पत्तियों की जांच जारी है। कई सम्पत्तियों का अभी पता किया जा रहा है।

नोएडा प्राधिकरण, स्मारक घोटाला, निर्माण निगम और जलनिगम की जांच हाल ही में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इनमें ईडी और विजिलेंस की छापेमारी में अरबों की सम्पत्ति का खुलासा हुआ। इन दोनों जांच एजेन्सियों के छापे की कार्रवाई में यूपी के अफसरों, रिटायर अफसरों-इंजीनियरों के यहां बड़े दिन इतनी सम्पत्ति का पता चला। अफसरों का कहना है कि यूपी के कई अफसरों ने अपनी तैनाती के दौरान बाहर के प्रदेशों में काफी सम्पत्ति बनाई। इस वजह से उन पर किसी की नजर जल्दी नहीं पड़ी। अपर परियोजना प्रबन्धक राजवीर सिंह के दिल्ली स्थित घर में मिले एक दस्तावेज ने तो अफसरों को चौंका दिया था। इसमें उन्होंने अपने बेहद करीबी से अलग रहने का शपथ पत्र बनवा रखा था लेकिन वह हमेशा उसी के साथ रह रहे थे। ऐसा उन्होंने जांच अधिकारियों की कार्रवाई के दायरे में आने से बचने के लिए कर रखा था।

दिल्ली और चंडीगढ़ में कोठी, काम्पलेक्स

ईडी ने नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिन्दर सिंह की चंड़ीगढ़ स्थित कोठी में छापा मारा तो वहां पांच करोड़ का सॉलीटेयर डायमंड मिला था। कुल सात करोड़ रुपए के हीरे मिले थे। मोहिन्दर सिंह के दिल्ली के अलावा गोवा में भी सम्पत्ति होने का पता चला था। इस मामले में अभी भी जांच चल रही है। राजवीर सिंह, पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव ईडी और विजिलेंस के सामने आय से अधिक सम्पत्ति से जुड़े सवालों का सामना कर सके हैं। पूर्व अफसर रामबोध मौर्य और सीपी सिंह के पास भी आय से अधिक सम्पत्ति मिली हैं।

इंजीनियर भी पीछे नहीं

चीफ इंजीनियर के समकक्ष रहे अपर परियोजना प्रबन्धक ने ही बल्कि कई और इंजीनियरों ने भी खूब सम्पत्ति बनाई। सीएंडडीएस के तत्कानलीन प्रोजेक्ट मैनेजर/ सहायक अभियंता राघवेन्द्र गुप्ता, अधीक्षण अभियंता सत्यवीर सिंह चौहान (मु.), निगम के मानव संसाधन विकास प्रकोष्ठ में तैनात रहे तत्कालीन अधीक्षण अभियंता अजय रस्तोगी, परियोजना प्रबन्ध/सहायक अभियंता कमल कुमार खरबंदा और परियोजना प्रबन्ध/ सहायक अभियंता कृष्ण पटेल के लखनऊ से दिल्ली तक लॉकर मिले। कई जगह बेशकीमती जमीनें मिली।

अभियोजन स्वीकृति का इंतजार

विजिलेंस और ईडी के अफसरों का कहना है कि बरामद अरबों की सम्पत्ति से कई गुना सम्पत्तियों के बारे में पता चला है। इस सम्बन्ध में तथ्य जुटाए जा रहे हैं। इसके अलावा स्मारक घोटाले में दो अफसरों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति विजिलेंस को मिल चुकी है जबकि कई मामलों में ईडी और विजिलेंस अफसरों व इंजीनियरों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति का इंतजार कर रही है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख