
ईयर बड्स लगाकर तेज म्यूजिक सुनने वालों के कानों की नस हो रही कमजोर
संक्षेप: Hathras News - - एक-दूसरे के ईयर बडस के उपयोग से कान में इन्फेक्शन होने का रहता है डर, ईयर बड्स की करें सफाई
हाथरस। युवाओं में तेजी के साथ म्यूजिक सुनने की आदत, उनको कम सुनने की बीमारी दे रही है। ईयर बड्स लगाकर तेज म्यूजिक सुनने से कान की नसें कमजोर हो रही हैं। इससे धीरे-धीरे युवाओं को कम सुनायी देने लगता है। यदि समय रहते इस आदत से परहेज नहीं किया तो इसके परिणाम स्वरूप युवा बेहरे भी हो सकते हैं। युवाओं को तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से बचना होगा। जिला अस्पताल के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. केके शर्मा ने बताया कि हर वर्ग के लोगों को म्यूजिक सुनना अच्छा लगता है। आजकल युवाओं में ईयर बड्स लगाकर तेज म्यूजिक सुनने का चलन बढ़ा है।

इससे युवाओं में कम सुनने की बीमारी बढ़ने लगी है। तेज आवाज में ईयर बड्स लगाकर म्यूजिक सुनने से कान की नसें कमजोर हो जाती है और कम सुनाई देने लगता है। इसकी शुरूआत में ही चिकित्सक से परामर्श से उपचार कराएं। साथ ही तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से बचें। हो रहा काम में इन्फेक्शन युवाओं में एक-दूसरे के ईयर बड्स बदल-बदलकर उपयोग करने की आदत भी बीमार करने वाली है। एक-दूसरे के ईयर बड्स लगाने से कान में इन्फेक्शन होने का डर रहता है। कहीं भी रखे, पड़े हुए ईयर बड्स का उपयोग भी अच्छी तरह से सफाई करने के बाद ही करें। बिना सफाई के ईयर बड्स का उपयोग करने से कान में इन्फेक्शन होने की पूरी आशंका रहती है। कम सुनने की समस्या लेकर पहुंच रहे अस्पताल कम सुनने की समस्या वाले प्रतिदिन 10 से 12 मरीज ओपीडी में पहुंच रहे है। उनका परीक्षण करने के बाद उपचार की सलाह दी जा रही है। साथ ही तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से बचने की भी सलाह भी डॉक्टर दे रहे हैं। ओपीडी में फंगल इन्फेकशन के मरीज ओपीडी में फंगल इन्फेकशन के सर्वाधिक मरीज आ रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि वर्तमान में कान में फंगल इन्फेक्शन के मरीज अधिक आ रहे है। इसके अलावा कान में दर्द, मवाद आने सहित कम सुनाई देने वाले मरीज भी आ रहे है। जिन्हें उपचार के साथ सावधानी बरतने का की सलाह भी दी जा रही है।

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