मकर संक्रांति के बाद भी शीतलहर और कोहरे का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को पूरे दिन सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। बर्फीली हलवाओं के चलने से मौसम में काफी ठंडक रही। जिसके चलते लोग खासे परेशान रहे। अधिकतम तापमान19 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
आमतौर पर मकर संक्रांति के बाद ठंड के तेवर कुछ कम होने लग जाते हैं, लेकिन इस बार ठंड के तेवर मकर संक्रांति के बाद और ज्यादा तल्ख हो गए हैं। जिसके चलते शीतलहर का प्रकोप में कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार तड़के आसमान में कोहरे की घनी चादर तनी रही। पूरे दिन सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। जिसके चलते समूचा शहर कोहरे की चपेट में सिमटा हुआ दिखाई दिया। सुबह से लेकर शाम तक पूरे दिन ठंडी हवाओं के चलने का सिलसिला जारी रहा। परिणामस्वरुप तापमान में गिरावट दर्ज की गई। जिसके चलते पूरे दिन सर्दी के सितम से लोग खासे परेशान रहे। ठंड का असर बाजारों में खास-तौर पर देखा गया। जिसके चलते शाम को जल्द ही अधिकांश बाजार बंद हो गए। जरुरी काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले। जो लोग घर से बाहर निकले वह पूरी तरह से गर्म कपड़े पहनकर निकले और ठंड से शरीर को सुरक्षित रखा जा सकें। रात में चौक-चौराहा पर ठंड से बचने के लिए लोग अलाव पर तापते रहे।
सर्दी के मौसम में इन बातों का रखें खास ध्यान::
भ् आईसक्रीम, कोल्डड्रिंक के सेवन से बचें।
भ् हाथ में दस्ताने, पैरों में मोजे पहनें और कान को ढंककर रखें।
भ् सुबह मॉर्निंग बॉक पर जाने से बचें।
भ् मौसम खुलने के बाद ही ठहलने जाएं।
भ् रखा हुआ व बासी खान-पान से बचें।
भ् गर्म कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें।
भ् सुबह कोहरे के दौरान बुजुर्ग मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें।
भ् ह्दय, सांस व हाई बीपी रोग से पीड़ित मरीज मॉर्निंग वॉक न जाएं।
भ् नवजात से लेकर पांच वर्ष तक के छोटे बच्चों को सर्दी से बचाएं।
भ् घर में भी छोटे बच्चों को अधिक से अधिक गर्म कपड़े पहनाकर रखें।
भ् छोटे बच्चों को घर में भी अधिका समय जूते व मौजू पहनाकर रखें।
भ् मधुमेह की बीमारी से पीड़ित लोग वृत व उपवास न रखें।
भ् सांस की परेशानी व सीने में दर्द होने पर चिकित्सक से परामर्श लें।
भ् खाने में अधिक से अधिक सलाद व हरी सब्जी का प्रयोग करें।