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रोडवेज में एमएसटी व ओपन कार्ड की सुविधा बंद, यात्री परेशान।

रोडवेज में एमएसटी व ओपन कार्ड की सुविधा बंद, यात्री परेशान। रोडवेज में एमएसटी व ओपन की सुविधा बंद, यात्रीरोडवेज में एमएसटी व ओपन की सुविधा बंद, यात्रीरोडवेज में एमएसटी व ओपन की सुविधा बंद,...

रोडवेज में एमएसटी व ओपन कार्ड की सुविधा बंद, यात्री परेशान।
हिन्दुस्तान टीम,हाथरसThu, 12 Mar 2020 09:06 PM
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रोडवेज में एमएसटी व ओपन कार्ड की सुविधा बंद, यात्री परेशान।

रोडवेज ने खत्म की आम दैनिक यात्रियों को ओपन कार्ड के मार्फत मिलने वाली छूट।

रोडवेज के निर्णय से दैनिक यात्रियों को बड़ा झटका, एक अपे्रल के बाद से वापस होगा ओपन कार्ड पैसा।

मशीनों के स्वैप न करने की दिक्कत के चलते लिया निर्णय, छात्रों के अलावा कुछ विशेष श्रेणियों के लिए मैन्युअली बनेगी एमएसटी।

हाथरस। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने दैनिक यात्रियों को बड़ा झटका दिया है। निगम द्वारा निर्गत एमएसटी कार्ड व ओपन एण्डेंड कार्ड 15 मार्च के बाद से अनुमान्य हो जाएंगे। वहीं इससे पहले मशीन के कार्ड स्वैप न होने पर यात्री को नगद टिकट खरीदना होगा।

उत्तरप्रदेश परिवहन निगम ने वर्तमान एमएसटी कार्ड व ओपन एण्डेंड कार्ड की कम्पनी से करार खत्म करने की व्यवस्था के चलते आम यात्रियों को परेशानी में डाल दिया है। आला कमान के निर्देशानुसार 07 मार्च से सभी सुगम व ओपन कार्ड का निर्गमन रोक दिया गया है। वहीं 06 मार्च तक रिचार्ज हुए कार्डों को 15 मार्च तक ही अनुमान्य किया जाएगा। 16 मार्च से किसी भी बस में ये कार्ड काम नहीं करेंगे। वैधता का शेष बचा धन एक अपे्रल के बाद से रोडवेज वापस करने के लिए अलग से आदेश करेगा। एआरएम शशी रानी ने बताया कि यात्री ध्यान रखें कि 15 मार्च से पहले यात्रा के दौरान अगर मशीन कार्ड स्वैप नहीं कर पाती तो यात्री को नगद भुगतान कर टिकट खरीद करनी होगी। परिचालक यात्रा कराने के लिए बाध्य नहीं होगा। वहीं साफ किया कि कम्प्यूटर कार्ड व्यवस्था को फिलहाल खत्म कर छात्रों के लिए 60 किलोमीटर तक के लिए 25 एकल ट्रिप यात्रा किराए के मूल्य के अनुसार मैन्युअल कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही अन्य श्रेणी के लिए भी 100 किलोमीटर की सीमा के लिए 36 ट्रिप यात्रा अनुसार निर्गत होती रहेंगी। इस व्यवस्था के चलते अब दैनिक यात्रियों को बड़ी दिक्कत सामने आ सकती है। रोडवेज के सूत्रों की मानें तो ये निर्णय टिकट मशीनों द्वारा कार्ड स्वैप न करने की दिक्कत के चलते लिया गया है। बताया कि यात्रा के दौरान कार्ड स्वैप न होने पर यात्री रोडवेज को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए फ्री में यात्रा करते थे। परिचालक द्वारा कार्ड के नम्बर को वे बिल में नोट कर लेते थे। जांच में पता चला कि तमाम नम्बर ऐसे हैं, जिनकी वैलीडिटी खत्म हुए महीनों गुजर गए थे। ऐसे में रोडवेज ने मजबूरन इस कदम को उठाया है।

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