जहां न पहुंचे कवि,वहां पहुंचे अनुभवी
Hathras News - लोग हाथरस। अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर बुजुर्गों का सम्मान समारोह आंनदपुरी में प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पर आयोजित हुआ। श

हाथरस। अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर बुजुर्गों का सम्मान समारोह आंनदपुरी में प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पर आयोजित हुआ। शान्ता बहन ने कहा कि कहावत है जहाँ न पहुँचे रवि‚ वहाँ पहुँचे कवि लेकिन अब उसमें यह भी जोड देना चाहिए कि जहाँ न पहुँचे कवि ‚ वहाँ पहुँचे अनुभवी। किताबों से पढकर या मोबाइल पर सोशल मीडिया‚ इंटरनेट से जानकारी तो बहुत सी हो सकती हैं लेकिन जिनकी जीवन ही अनुभवों की कहानी बन चुकी हो उनकी बात अलग होती है। ऐसे बुजुर्गों के अनुभव सदैव प्रासंगिक रहेंगे‚ चाहे युग कितना भी आधुनिक आ जाये। जैसे श्रीमद्भगवती गीता और रामचरित मानस और इस संगठन के माध्यम से परमपिता परमात्मा शिव के महावाक्यों का ब्रहमाबाबा द्वारा कराया गया ज्ञानामृत इस भागती दौडती जिन्दगी में सुकून देने के लिए सदैव प्रासंगिक हैं और रहेंगे।
बुजुर्गां को भी एआई युग में जी रहे युवाओं से हठधर्मिता छोडकर शान्तिपूर्वक अपने अनुभव और विचार रख देने चाहिए‚ फिर चाहें आज की पीढी स्वीकार करे न करे। जो जैसा करेगा वैसा पायेगा यह सिद्धान्त चलता ही रहेगा। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों और युवाओं के मध्य विचारों की बढती दूरी और वृद्धजनों की सहूलियत के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1 अक्टूबर 1990 से अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में घोषित किया गया‚। इस मौके पर वृद्धजनों में पूर्व सहायक कोषाधिकारी दाऊदयाल अग्रवाल‚ पीएनबी के पूर्व प्रबन्धक राकेश अग्रवाल‚ ,पूर्व फौजी केशवदेव एवं भीमसैन‚ पूर्व शिक्षक यतेन्द्र आर्य‚ ,निरंजन लाल‚ ,नानकचन्द‚ ,भगवानदास‚ ,अम्बिका‚, ममता‚, राधा इत्यादि दर्जनों बुजुर्ग शामिल थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




