
हिन्दुत्व के लिए हमें मिलकर रहना होगा संगठित
संक्षेप: Hathras News - मेला श्री दाऊजी महाराज के प्रशासनिक शिविर में मंचासीन संशोधित....हिन्दुत्व के लिए हमें मिलकर होगा संगठितसंशोधित....हिन्दुत्व के लिए हमें मिलकर होगा सं
हाथरस: मेला श्री दाऊजी महाराज में सोमवार सुबह दस बजे प्रशासनिक शिविर में सर्व श्री धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन मंगला चरण और सरस्वती पूजन के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पंडित दिनेश शर्मा प्रमुख समाजसेवी की अध्यक्षता में हरिद्वार से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि परमहंस योगी श्री पंच 10 नाम जूना अखाड़ा ,राष्ट्रीय अध्यक्ष हिंदू रक्षा सेना के विशिष्ट आतिथ्य में, महामंडलेश्वर स्वामी रूद्र देवानंद जी महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज राष्ट्रीय अध्यक्ष अखंड भारत परिषद अखाड़ा श्री धाम वृंदावन से एवं महामंडलेश्वर स्वामी हरिकांत जी महाराज मां वैष्णो शक्तिपीठ पीठाधीश्वर धनवंतरी अखाड़ा मंचआसीन अतिथियों ने सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके दीप प्रज्ज्वलित करके वेद मंत्रों से कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ किया गया।

सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि हिन्दुत्व के लिए हमें संगठित रहना परम आवश्यक है। धर्म ही सर्वोपरि है,धर्म से हटकर कुछ भी नहीं है। सनातन धर्म ही सर्वोपरि है बाकि सब पंत है। महामंडलेश्वर स्वामी रूद्र देवानंद जी महाराज ने कहा कि हमें सनातन धर्म के साथ साथ बच्चों को संस्कारी बनाना है। अहम भूमिका परिवार की होनी चाहिए,ताकि बच्चे व्यसन मुक्त रहे। महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज ने कहा कि धर्म का पालन करना चाहिए,सनातन धर्म ही केंद्र बिंदु है। सनातन हिंदू धर्म सदैव से प्रेम सौहार्द और परोपकार की भावना से संत आचरण करता रहा है,अभी भी करता है, हिन्दू कभी किसी के भी धार्मिक स्थलों का अतिक्रमण नहीं किया अनेकता में एकता का भाव लिए आज भी संपूर्ण विश्व को अपना कुटुंब का भाव लिए सुख-दुख में सदैव साथ खड़ा रहता है। भारत विश्व गुरु था विश्व गुरु है आगे भी विश्व गुरु रहेगा। महामंडलेश्वर स्वामी हरिकांत जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म से बढ़कर कुछ नहीं है,इसलिए हमें अपने बच्चों के अंदर संस्कार देना व धर्म की रक्षा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। संयोजकों ने अतिथियों का पीत वस्त्र पहनाकर व प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। सम्मेलन में भागवतआचार्य अंतरराष्ट्रीय कथा प्रवक्ता परम पूज्य बल्लभाचार्य जी महाराज श्री धाम वृंदावन से, ज्योतिषाचार्य,भागवतआचार्य कौशल किशोर जी महाराज, क्रांतिकारी संत स्वामी सत्यामित्रानंद जी महाराज लक्ष्मी पीठाधीश्वर,स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज,स्वामी पूर्ण प्रकाश कौशिक जी महाराज आध्यात्म पीठाधीश्वर,आचार्य ब्रह्मऋषि जी महाराज श्रीजी महल पीठाधीश्वर, स्वामी बलरामाचार्य जी महाराज कल्पतरू पीठाधीश्वर,श्री मलूक पीठ से संत श्री निर्मल दास जी महाराज, रासाचार्य श्याम सुन्दर ब्रजवासी जैसे दिव्य संतों का समागम एवम् उद्बोधन हुआ। डॉ जितेंद्र स्वरुप शर्मा फौजी, अध्यक्ष वेद भगवान सनातन धर्म सभा रजिस्टर्ड, पंडित ऋषि कौशिक, पंडित डॉ विकास भारद्वाज एवं जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय, सांसद प्रतिनिधि गुड्डू सिंह,हाथरस गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के ग्रंथी स्वामी हरपाल सिंह जी ,श्याम सुन्दर शर्मा बंटीभैया आदि महान विभूतियों से मंच खचाखच भरा रहा । संचालन आचार्य मनोज द्विवेदी ने किया। आभार सर्वश्री धर्म सम्मेलन कार्यक्रम के संयोजक पंडित डॉक्टर गणेश चंद्र वशिष्ठ ने प्रकट किया। विशिष्ट अतिथियों में हाथरस के विद्वान पंकज शास्त्री भागवतआचार्य, वागीश जी गौड़, वैद्य मोहन बृजेश रावत, मोहनलाल दीक्षित ,प्रवीण देव रावत, बृजेश वशिष्ठ, पंकज शर्मा एडवोकेट, प्रभु दयाल दीक्षित प्रभु कवि,शोभित त्रिपाठी, प्रवीण भारद्वाज, अमित मिश्रा कालू जीतू वेदपाठी, पारस जांगिड़, तोछीगढ़ से महेश शास्त्री संजय कौशिक, पंडित बांके बिहारी उपाध्याय विशाल सारस्वत प्रदीप पंडित प्रभु दयाल दीक्षित पंडित हाथरसी आदि के अतिरिक्त हाथरस जंक्शन,नगला जायस,नारायणपुर, लाडपुर एवं गंगचौली से भी आस्थावान धर्मप्रेमियों का आगमन हुआ। मेंडू से मुख्य रूप से अर्जुन उपाध्याय, बद्री प्रसाद पाठक, किशन स्वरूप शर्मा, मास्टर रामगोपाल शर्मा, महेश चंद्र सारस्वत, धर्मेश कुमार शर्मा, उमाशंकर अनूप बाबा, अनिल कुमार सारस्वत आदि उपस्थित रहे। ---- मंच से विद्धानों ने धर्म को लेकर रखे विचार सर्व धर्म सम्मेलन में पधारे विद्धानों ने मंच से एक स्वर में धर्म की रक्षा व बढ़ावा देने को लेकर अपनी बात रखी। विद्धानों ने एक स्वर में कहा कि सनातन धर्म की सर्वे भवंतु सुखिनः, विश्व बंधुत्व की परिकल्पना, अतिथि देवो भव के भावभरे आतिथ्य, जियो और जीने दो की परिकल्पना के साथ-साथ समरसता के भाव को जीवन में उतारे। धार्मिक पूजा पद्धति एवं मान बिंदुओं का सदैव आदर करता है किंतु सनातन धर्म के ऊपर किए जा रहे अत्याचार अनाचार और अनेकों प्रकार के जिहादी मानसिकता के कुचक्रों से हिंदू धर्म सदैव पीड़ित शोषित रहा और ठगा गया है। आज भी वामपंथी, विधर्मी विशेषसमुदाय के लोगों की आतंकी गतिविधियां नृशंश हत्याएं, मारकाट के षड्यंत्र एवं सोची समझी साजिशों से सनातन हिंदू धर्म पीड़ित है जाने कितने लोगों के सर तन से जुदा कर दिए गए, कितनी हिंदू बहन बेटियों की सर कटी टुकड़ों टुकड़ों में बटी लाशें आए दिन मिलतीहैं। लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक, मूत्र एवं मल तक खाद्य सामग्रियों मे मिलाने का घृणित अपवित्र कुकृत्य करके दंगे भड़काने का कार्य ,उन्माद एवं आक्रोश फैलाया जाता है, फिर भी सनातन हिंदू धर्म सदैव से प्रेम सौहार्द और परोपकार की भावना से संत आचरण करता रहा है,अभी भी करता है, हिन्दू कभी किसी के भी धार्मिक स्थलों का अतिक्रमण नहीं किया अनेकता में एकता का भाव लिए आज भी संपूर्ण विश्व को अपना कुटुंब का भाव लिए सुख-दुख में सदैव साथ खड़ा रहता है भारत विश्व गुरु था विश्व गुरु है आगे भी विश्व गुरु रहेगा किंतु हम सभी सनातन धर्मावलंबियों को सबसे पहले अपने आप को एवं अपने धर्म की महिमा को जानना परम आवश्यक है।

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