बढ़ गया बिजली का खर्च? बिना सहमति स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने को आयोग में चुनौती
संक्षेप: एक स्कूल के प्रबंधक ने कहा कि जब विद्यालय में कोई जिम्मेदार नहीं था, तब एक रोज कुछ लोग आए और पुराना मीटर उखाड़ कर उसकी जगह नया मीटर लगा गए। जो पुराना मीटर उतारा गया है, उस पर विद्यालय के किसी भी जिम्मेदार के दस्तखत तक नहीं हैं। मुझे स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से दिक्कत हो रही है।
Smart Prepaid Electricity Meter: दावा था कि मीटरों के प्रीपेड मोड में चलने के साथ ही दरों में दो प्रतिशत रियायत दी जाएगी यानी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने के बाद उपभोक्ताओं के बिलों में कमी आनी चाहिए थी। कमी तो दूर, उपभोक्ता अपना बिजली खर्च बढ़ने की शिकायत कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि मीटर तेज चल रहा है और लोड भी जंप हो रहा है। इसके अलावा उपभोक्ताओं की और भी शिकायतें हैं। अगर प्रीपेड मोड में मीटर चलने के बाद सर्वर पर मौजूद डाटा का ही पावर कॉरपोरेशन ने मिलान किया होता तो उपभोक्ताओं को ऐसी दिक्कतें नहीं होतीं। अब उपभोक्ता परेशान हैं। बिना उनकी मर्जी जाने मीटरों को प्रीपेड कर दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में बिना सहमति के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया को कानूनी चुनौती दे दी है।

लखनऊ में माल एवेन्यू स्थित ब्लू स्टार मॉन्टेसरी स्कूल के प्रबंधक बीएन मिश्र कहते हैं कि जब विद्यालय में कोई जिम्मेदार नहीं था, तब एक रोज कुछ लोग आए और पुराना मीटर उखाड़ कर उसकी जगह नया मीटर लगा गए। जो पुराना मीटर उतारा गया है, उस पर विद्यालय के किसी भी जिम्मेदार के दस्तखत तक नहीं हैं। मैं स्मार्टफोन नहीं इस्तेमाल करता हूं ऐसे में मुझे स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से दिक्कत हो रही है। वह कहते हैं कि जब से मीटर प्रीपेड मोड में चल रहा है, तब से बिजली के खर्च में भी इजाफा हो गया है। हमने कई बार मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में शिकायत की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। बीएन मिश्र की तरह ही कई और उपभोक्ता भी इस तरह की दिक्कतें बता रहे हैं।
नहीं हुआ पुराने बिल का समायोजन
गोमतीनगर निवासी विनोद कुमार कहते हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिना मेरी अनुमति के लगा दिया गया। मैंने जब कई बार बिल की मांग की तो मनमाना बिल पकड़ा दिया गया। यही नहीं, बिल पकड़ाने के साथ ही मीटर प्रीपेड मोड में चालू कर दिया। कहा गया कि पुराना बिल प्रीपेड मोड में रीचार्ज से समायोजित हो जाएगा। मैं मीटर रीचार्ज कराता हूं। पैसा कट जाता है, लेकिन पुराना बिल समायोजित नहीं हो रहा। जस का तस दिखाई दे रहा है।
स्मार्ट मीटर से खर्च बढ़ने की शिकायतें
लोगों के पास बिजली कंपनियों से संदेश पहुंच रहे हैं कि उनके मीटर प्रीपेड मोड में काम करेंगे। बिना उपभोक्ताओं की मर्जी जाने मीटरों को प्रीपेड कर दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं की ऐसी स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में बिना सहमति के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया को कानूनी चुनौती दे दी है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने याचिका में कहा है कि विद्युत अधिनियम-2003 के मुताबिक यह उपभोक्ताओं का विकल्प है कि वे स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाएंगे या पोस्ट पेड मीटर। ऐसे में सभी घरों में बिना उपभोक्ताओं के सहमति के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया में नियामक आयोग तत्काल हस्तक्षेप करे। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के फैसले पर आयोग पुनर्विचार करे। केंद्र ने सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की अधिसूचना 2021 में जारी की। अधिनियम में बदलाव किए बिना उसकी व्यवस्थाओं को अतिक्रमित करने वाला आदेश लागू नहीं हो सकता है।
कई दूसरे राज्यों में भी हो रहा विरोध
न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार, महाराष्ट्र और असम में भी उपभोक्ताओं ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर का विरोध किया। जानकारों के मुताबिक परियोजना लागू करने से पहले अधूरी तैयारी, स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता में शक और स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं में विश्वास की कमी ही इन सबका असल कारण है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने के निर्देश दिए थे। कहा था कि पुराने मीटरों में से 5 प्रतिशत को चेक मीटर की तरह लगे रहने दिया जाए और स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से मिलान की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाए।
उपभोक्ता परिषद उठा रहा है लगातार सवाल
उपभोक्ता परिषद मीटर की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठा रहा है। अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा कहते हैं कि प्रीपेड मीटर में ज्यादातर चीनी कंपोनेंट इस्तेमाल किए गए हैं। वह कहते हैं कि तमाम शिकायतों के बावजूद मीटरों का सही तरह से परीक्षण नहीं हुआ। तकरीबन 27 हजार करोड़ रुपये खर्च करके लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर परेशानी का सबब बन जाएंगे।
ज्यादा लाइन लॉस वाली जगहों पर पहले लगाएं मीटर
50 प्रतिशत से ज्यादा लाइन हानियों वाले फीडरों पर प्राथमिकता के आधार पर स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दिए हैं। शक्ति भवन में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने आदेश दिया कि बिजली चोरी रोकने, विजिलेंस को प्रभावी बनाने और त्योहारों के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति की तैयारी करने के भी आदेश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने से न केवल बिजली चोरी रोकी जा सकेगी बल्कि उपभोक्ताओं को पारदर्शी बिलिंग की सुविधा भी मिलेगी। विजिलेंस और अधिक सक्रिय किया जाए।





