स्वामित्व योजना के पॉयलट सर्वे में दस राजस्व गांव चयनित
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को उनके आवास व आवासीय भूमि के अभिलेख उपलब्ध करवाए जाएंगे। योजना का लाभ सभी ग्रामीणों को मिल सके इसके लिए इसका क्रियान्वयन जनपद के 1115 राजस्व गांवो...
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को उनके आवास व आवासीय भूमि के अभिलेख उपलब्ध करवाए जाएंगे। योजना का लाभ सभी ग्रामीणों को मिल सके इसके लिए इसका क्रियान्वयन जनपद के 1115 राजस्व गांवो में किया जाना है। योजना की शुरुआत बतौर पायलट सर्वे के तहत चिन्हित किए गए दस राजस्व गांवो से की जाएगी।
योजना की शुरुआत बतौर पायलट सर्वे के लिए चिन्हित दस राजस्व गांवो से की जा रही है, सदर तहसील के बावन, टड़ियावां, अहिरोरी व सुरसा के इन दस गांवो में अभिलेखीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डीएम अविनाश कुमार ने बताया पाइलेट प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित गांवो में बावन ब्लॉक के नयागांव हबीबपुर, अल्लीपुर, कौढ़ा, कोर्रिया, भरिगवां गांव हैं। टड़ियावां ब्लॉक के बेहटा चांद, रामनगर, आशा गांव का चयन किया गया है। इसके साथ ही सुरसा ब्लॉक की मेहुना महेशपुर, अहिरोरी ब्लॉक की महुईपुरी का चयन भी बतौर पॉयलट प्रोजेक्ट किया गया है।
तहसील के जिम्मेदारों को आबादी क्षेत्र का अभिलेखीकरण करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। सभी आवासों व आवासीय प्लॉटों का अभिलेखीकरण करने के पश्चात उनकी निशानदेही कर दी जाएगी। ड्रोन से सर्वे कर आबादी क्षेत्र का नक्शा बनाया जाएगा। जिस किसी का मकान अथवा आवासीय प्लॉट होगा उसको उस जमीन के अभिलेख उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के पास भले ही कितना बड़ा या आलीशान मकान हो, अभिलेख न होने के कारण उसकी कीमत नहीं आंकी जा सकती थी। बैंके भी ग्रामीण क्षेत्रों के आवासीय भवनों व आवासीय भूखंडो पर न तो लोन देता है, न ही उसकी कीमत आंकी जाती है। हैसियत प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्यों में भी ग्रामीण क्षेत्र के आवास अथवा आवासीय भूखंडो को तरजीह नहीं दी जाती थी। हालांकि स्वामित्व योजना से लोग बड़ी संख्या में लाभान्वित हो सकेंगे।