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सैप्टिक टैंक की गाद से बनेगी जैविक खाद

हरदोई। हिन्दुस्तान संवाद सैप्टिक टैंक (शौचालय टैंक) की बदबूदार गाद (मैला) खेतों की सेहत...

सैप्टिक टैंक की गाद से बनेगी जैविक खाद
हिन्दुस्तान टीम,हरदोईWed, 25 Nov 2020 10:55 PM
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हरदोई। हिन्दुस्तान संवाद

सैप्टिक टैंक (शौचालय टैंक) की बदबूदार गाद (मैला) खेतों की सेहत संवारने और नगर पालिका की आय का जरिया बनेगी। नर पालिका सैप्टिक टैंक की गाद से जैविक खाद का उत्पादन करेगी। इसके लिए अहिरोरी ब्लॉक के नीर गांव में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्ला़ंट लगाया जा रहा है। जल निगम की ओर से बन रहे इस प्लां़ट की क्षमता 32 केएलडी होगी। एक दिन में 32 केएलडी गाद का ट्रीटमेंट करके उसकी खाद बनाई जाएगी। जिसे नगर पालिका किसानों को बेंचकर अतिरिक्त आमदनी करेगी।

इस प्ला़ट की अनुमानित लागत 5.21 करोड़ रुपये है। जल निगम ने प्ला़ंट के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। निर्माण के बाद प्लांट को पालिका के सुपुर्द कर दिया जाएगा। पालिका शहर में बने सैप्टिक टैंक से गाद निकालकर प्ला़ंट तक पहुंचाएगी।

फीकल सल्ज ट्रीटमेंट प्ला़ट न सिर्फ पालिका की आय बढ़ाएगा बल्कि स्वच्छ सर्वेक्षण में उसके नंबर भी बढ़ा देगा। प्ला़ंट न होने की वजह से पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण की मार्किगं में लगभग 700 नंबर का घाटा पालिका को उठाना पड़ा था।

सीवर टैंक की सफाई से निकलने वाला दूषित जल अब नालों में फेंका नहीं जाएगा। गाद के साथ पानी को भी फीकल ट्रीटमेंट प्ला़ट में ले जाया जाएगा। यहां पानी को अलग करके उसका शुद्धीकरण किया जाएगा। इस ट्रीटेड वाटर को आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए दे दिया जाएगा। अभी सीवर टैंक के दूषित पानी को नालों में फेंक दिया जाता है, जिससे बीमारियों का खतरा बना रहता है।

प्लांट से भूगर्भ जल के प्रदूष़ण को भी रोका जा सकेगा। वर्तमान समय में सीवर टैंक 10 फिट से भी ज्यादा गहरे बनो जा रहे हैं। ऐसे में भूगर्भ जल के प्रदूषित होने का भी खतरा बना रहता है। 10 फिट से कम गहरे सीवर टैंक में सूरज की किऱणें बैक्टीरिया पैदा नहीं होने देती। लेकिन ज्यादा गहरे सीवर टैंक की गाद भूगर्भ जल प्रदूषण का कारक बनती है। गाद का समय-समय पर ट्रीटमेंट होने से यह समस्या भी कम होगी। नगर पालिका परिषद, हरदोई के ईओ रविशंकर शुक्ला किसानों को भरपूर मात्रा में जैविक खाद प्राप्त होगी। साथ ही पालिका की आय भी बढ़ेगी। जल निगम के एसडीओ फूल सिंह यादव ने कहा कि प्लांट तेजी से तैयार किया जा रहा है। जल निगम इसका निर्माण करने के बाद उपयोग के लिए पालिका को सौंप देगा।

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