मनरेगा श्रमिकों का समय से नहीं हो रहा भुगतान
मनरेगा अधिनियम में श्रमिकों का समय से भुगतान करने को लेकर स्पष्ट निर्देश हैं। श्रमिकों को काम करने के बाद निर्धारित समय में भुगतान न करने पर विलंब भत्ता देने के निर्देश हैं। किस स्तर पर श्रमिकों का...
मनरेगा अधिनियम में श्रमिकों का समय से भुगतान करने को लेकर स्पष्ट निर्देश हैं। श्रमिकों को काम करने के बाद निर्धारित समय में भुगतान न करने पर विलंब भत्ता देने के निर्देश हैं। किस स्तर पर श्रमिकों का भुगतान लंबित हुआ उस जिम्मेदार से रिकवरी के भी निर्देश हैं।
पर यहां मनरेगा के सभी नियम और कायदे हवा में उड़ाए जा रहे हैं। समयबद्ध भुगतान का प्रतिशत मात्र 64.76 फीसदी है। इसमें से भी हरियावां ब्लॉक में श्रमिकों की मजदूरी का समयबद्ध भुगतान प्रतिशत मात्र 40.66 फीसदी है। कोथावां में समयसीमा के अंदर होने वाले भुगतान का प्रतिशत 45.83, शाहाबाद ब्लॉक में 46.56, सुरसा में 48.18 फीसदी मजदूरी का भुगतान समय सीमा के भीतर हुआ है। गौरतलब हो कि साप्ताहिक मस्टर रोल के भरे जाने के तीसरे दिन तक रोजगार सेवक को दो दिन दिए जाते हैं। अगले तीन दिन में तकनीकी सहायक को कार्य का मूल्यांकन करना होता है। कम्प्यूटर ऑपरेटर को वेज लिस्ट बनाने के लिए एक दिन, एकाउंटेंट को प्रथम डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए एक दिन और कार्यक्रम अधिकारी को भुगतान करने के लिए एक दिन का समय दिया जाता है। काम शुरू होने के 15 वें दिन भुगतान करना अनिवार्य होता है। ऐसे में समयबद्ध भुगतान न होने से मनरेगा की गाड़ी बेपटरी हो रही है और जिम्मेदार कार्रवाई की जद से बाहर हैं।