मांग बढ़ने के कारण गुल हो रही बिजली
रिवैम्प योजना में लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद बिजली का संकट शहर से लेकर गांवों तक में बरकरार है, गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ी है। विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके...
रिवैम्प योजना में लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद बिजली का संकट शहर से लेकर गांवों तक में बरकरार है। उमस के बीच गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ी है। आए दिन जर्जर लाइन होने के कारण कसबे से लेकर गांवों तक में बिजली की अघोषित कटौती करनी पड़ रही है। अगस्त में उमस भरी गर्मी के कारण विद्युत विभाग को अधिक बिजली की आवश्यकता पड़ रही है। इससे ट्रांसफार्मर एवं उपकेंद्र के संयंत्रों के फुंकने का सिलसिला जारी है। इससे विद्युत व्यवस्था बाधित हो जाती है। उपभोक्ताओं को इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए कई प्लान चलाएं हैं। अभी सभी प्लान धरातल पर प्रभावी नहीं हुई है। रिवैंप योजना के तहत विद्युत विभाग में जनपद में सभी विद्युत लाइनों के सुधारीकरण एवं नवीनीकरण, विद्युत मीटर परिवर्तित करने के लिए योजना चलाई है। रिवैंप योजना के अंतर्गत अभी प्रथम चरण का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अगले माह रिवैंप का प्रथम चरण समाप्त होने की उम्मीद है।
बताते हैं कि इसमें केवल बैच कंडक्टर को चेंज करना, कुछ नए फीडर का भी निर्माण करना था। जानकारों के अनुसार रिवैंप के तहत 185 करोड रुपए का कार्य तीन चरणों में कराया जाना है। बिजनेस प्लान के तहत दो प्लान चल रहे हैं।
इसमें से एक प्लान 2023-24 का चल रहा है। 20 करोड़ रुपए की लागत से यह प्लान चलाया जाएगा। इसमें 65 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। इसके अंतर्गत इसके अंतर्गत ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं उपकेंद्रों पर लगे संयंत्रों की क्षमता यंत्रों में वृद्धि की जा रही है। अगले माह तक इसका कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
दूसरा कार्य 2024-25 का बिजनेस प्लान चल रहा है। इसके तहत 17 करोड़ 74 लख रुपए से विद्युत विभाग का कायाकल्प किया जाएगा। इसमें भी लगभग 45 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया है। इस प्लान के तहत ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नई 33 केवी विद्युत लाइन 14 किलोमीटर तक का निर्माण करना है। एवं लाइन का सुधारीकरण करना भी शामिल है। इसके अलावा एलटी लाइन का भी निर्माण करना इस प्लान में शामिल है। 1 अगस्त से ग्रामीण क्षेत्रों में 6 घंटा की विद्युत कटौती के लिए विद्युत मुख्यालय से आदेश जारी हुआ है। 6 घंटे के अलावा 18 घंटे ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई देने को कहा गया है।
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