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लाखों खर्च होने पर भी सूखे पड़े माडल तालाब

भीषण गर्मी में ग्रामीण क्षेत्रो में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए बेहतर पेय जल व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में बनवाये गए ज्यादातर मॉडल तालाब जम्मिेदारों की...

लाखों खर्च होने पर भी सूखे पड़े माडल तालाब
हिन्दुस्तान टीम,हरदोईTue, 14 May 2019 10:39 PM
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भीषण गर्मी में ग्रामीण क्षेत्रो में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए बेहतर पेय जल व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में बनवाये गए ज्यादातर मॉडल तालाब जम्मिेदारों की उदासीनता से सफेद हांथी साबित हो रहे है। जरूरत के वक्त इनमें पानी के बजाय धूल उड़ रही है। लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद मवेशियों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। ज्यादातर तालाबों की मिट्टी खुदाई कराकर गहराई बढ़ाने का काम केवल कागजों पर हुआ। इसका खामियाजा अब पेयजल संकट के रूप में सामने आ रहा है।

गर्मी की शुरुआत हुए भले ही एक माह से ज्यादा समय हो चुका है मगर जम्मिेदार इन तालाबो को पानी से लबालब भरने में कोई दिलचस्पी नही दिखा रहे है। जिससे गर्मी में प्यास से विलविलाये बेजुबानों को पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। ब्लाक मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार विकास खण्ड भरखनी में 90 ग्राम पंचायतों में करीब तीन सौ तालाब है। जिसमे चुनिंदा ग्राम पंचायतों में दो दर्जन के करीब मॉडल तालाब है। जिनमे पानी की जगह धूल उड़ रही है। गर्मी के मौसम में पशु पक्षियों को सुगमता से पेयजल उपलब्ध करवाने व बारिश के पानी को संरक्षित किये जाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर मॉडल तालाबो का नर्मिाण कराया गया था।

तालाबो के चारो ओर छायादार वृक्ष लगाए गए। ताकि गर्मी के दिनों में पशु पक्षी यहां आकर पानी पिएं और उन्हें छाया मिल सके। लोगों के बैठने के लिए सीमेंट के पटले बनाये गए। गेट लगाया गया। और तालाबो में गर्मी के दिनों में पानी भरवाने की जम्मिेदारी ग्राम पंचायतों के सचिव और प्रधान को सौंपी गयी। मगर लापरवाही का आलम यह है कि मई की तपती धूप के साथ भीषण गर्मी पड़ने के बाद भी जम्मिेदार सोए हुए है। जिससे विकास खण्ड क्षेत्र के तालाब आज भी सूखे पड़े है। ऐसे में प्यास बुझाने के लिए पशु पक्षी भटक रहे है। जिससे शासन की मंशा पर पानी भी फिर रहा है।

बोले जिम्मेदार

बीडियो सुधीर कुमार ने बताया कि क्षेत्र के मॉडल तालाब जो गांवो के पास है जहां पानी की तलाश में ज्यादा जानवर आते है। उनमें जल्द ही पानी भरवा दिया जाएगा। वहीं स्टीमेट बनाकर बांकी तालाबो की साफ सफाई की व्यवस्था शुरू करा दी गयी है। तालाब की गहराई बढ़ाकर लगभग पांच मीटर कराई जाएगी। जिससे बारिश का पानी संरक्षित होकर ज्यादा दिन तक रुक सके। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के सभी छोटे बड़े तीन सैकड़ा तालाबों में जल्द ही पानी भरवाया जाएगा।

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