अधूरी ही रही सवायजपुर ब्लाक बनाने की मांग
Hardoi News - सवायजपुर, जो गंगा और रामगंगा के किनारे बसा है, ब्लाक बनने की मांग कर रहा है। ग्रामीण 2024 में भी दूरस्थ ब्लाकों में जाने को मजबूर हैं। विधायक ने मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा है, लेकिन प्रस्ताव अभी...

हरदोई, कार्यालय संवाददाता। गंगा व रामगंगा के ईदगिर्द बसा कसबा सवायजपुर तहसील बन चुका है लेकिन इसे ब्लाक बनने की मांग वर्ष 2024 में भी फाइलों में अटकी है। चार ब्लाकों के 70 से ज्यादा गांव के लोग अभी दूरस्थ ब्लाकों में जाने को मजबूर हैं। ब्लाक बने तो ग्रामीणों को समस्याओं का समाधान कराने के लिए निकट में ही ब्लाक कार्यालय मिल सकेगा। बिल्हौर कटरा हाईवे किनारे स्थित सवायजपुर को तहसील का दर्जा मिलने के बाद से लगातार ब्लाक मुख्यालय बनाने की मांग चल रही है। भाजपा विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेज चुके हैं। इस पर शासन ने लिखापढ़ी शुरू कराई। वर्ष 2023 में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की ओर से विभागीय अफसरों के जरिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। अब ग्राम्य विकास आयुक्त के स्तर पर प्रस्ताव लंबित है। भाजपा के सवायजपुर विधायक ने कहा कि शासन स्तर पर प्रयासरत हैं।
इन गांवों के लोगों को मिलेगा लाभ
बावन, शाहाबाद, भरखनी, हरपालपुर को मिलेगा लाभ
बावन ब्लाक के बाजपुर नकटौरा, मत्तीपुर, महरेपुर, दुलारपुर तिगांवा, चंदरसीपुर, सहिजना, शेखपुर, जिलगांव, बरसोहिया, पकरी, बरवन, मानीमऊ, मिरकापुर, सोनेपुर, रामापुर छैया, भरखनी के मुंडेर, सेमरा झाला, फरिगहना, सैदापुर, बौशिया, सवायजपुर, चौड़ाराय, रपरा, पांडेयपुर, खंहरिया, खितौली, गौरखेड़ा, सेमरिया, सिंघापुर, मदनापुर सिलवारी, कहरई, नकटौरा, कनकापुर उबरिया, बहाउद्दीनपुर, चकौती कला, कन्हारी,उबरियकला, सहजनपुर, गौराउदयपुर, नांदखेड़ा, रामदासपुर, सरायबहाव, भोरापुर ग्राम सभाएं शामिल होंगी। इसी तरह हरपालपुर के पिथनापुर, नगरिया, मुबारकपुर, गौरिया, बरहुली, बम्टापुर नंदबाग, भूपतिपुर नगरा, ककरौया, शाहाबाद के सकरौली, नस्यौली डामर, नस्यौली गोपाल, रायपुर गुलरिया आदि गांव शामिल होंगे।
ये फायदे होंगे
गांवों के निरीक्षण में आसानी होगी
ब्लाक सवायजपुर बन जाने से अफसरों को गांवों के निरीक्षण में आसानी रहेगी। इससे विकास कार्यों को गति मिलेगी। अधिकारी गांवों में पहुचेंगे तो विकास की रफ्तार तेज होगी।
तहसील के साथ ब्लाक के काम भी हो सकेंगे
अभी अधिकांश कार्यों के लिए ग्रामीण तहसील जाते हैं। ब्लाक मुख्यालय बन जाने पर उनके ब्लाक संबंधी कार्य भी हो सकेंगे। अतिरिक्त दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
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