अघोषित बिजली कटौती होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां के व्यापारियों ने बताया कि दिन में बिजली न मिलने से रात को काम करते हैं। इससे रात भर जागना पड़ रहा है। कई बार बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों को इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की, मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। पिछले तीन दिनों से जल्लामऊ फीडर पर रात में लाइट काट दी जाती है। इससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों की बत्ती गुल हो जाती है। क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस फीडर पर क्षेत्र में लगभग 15 चक्की कारखाने लगे हुए हैं, जो बिजली से चलते हैं। लेकिन दिन में केवल चार घंटे सप्लाई से कारखानों का काम नहीं हो पाता है। मजबूरी में यह लोग रात में लाइट आने पर आटा पीसने व तेल निकालने आदि का कार्य करते हैं। लेकिन पिछले 3-4 दिनों से बिजली आपूर्ति बहुत ज्यादा बाधित हो रही है। इससे उनका कार्य नहीं हो पाता है। ऐसे में देखना यह है कि बिजली विभाग की लापरवाही के चलते आखिर कब तक बिजली ब्यवस्था दुरुस्त होती है और लोगों को निर्धारित समय पर बिजली उपलब्ध रहती है या दावे केवल हवाहवाई ही रहते हैं।
बिजली मीटरों में लगी आग से मचा हड़कंप
सुरसा। कराही पावर हाउस की ओर से बिजली की सप्लाई हथियाई गांव को जाती है। कुछ दिनों पूर्व गांव में सौभाग्य योजना अंतर्गत मीटर लगाए गए थे। गुरुवार को वोल्टेज अधिक आने पर कई लोगों के मीटर फुंक गए। सुबह जब लाइट आयी तो गांव निवासी रामसिंह राठौर व रामकृष्ण राठौर के मीटरों में आग की तेज-तेज लपटें उठने लगी। इस पर गांव के लोगों ने किसी तरह उनके घर के कनेक्शनों को काटा तब आग पर काबू पाया जा सका। रामकृष्ण, छोटे लाल, रोहन लाल, रामसिंह महेश, अहिबरन, राजाराम, राम सनेही, राम शरण आदि लोगों के भी मीटर फुंके हैं। इस घटना से लोगों में भय व्याप्त हो गया है। मीटरों से लगी आग से किसी प्रकार का कोई नुकसान तो नहीं हुआ है, लेकिन अगर यह घटना रात में हुई होती तो किसी भी जन या धन का नुकसान अवश्य हो सकता था।कोटट्रांसफॉर्मर की दिक्कत की वजह से भी मीटर फुंक सकते हैं या कटिया डालने की वजह से फेस एक में जुड़ने से भी मीटर ब्लास्ट हो सकता है। मौके पर जाकर पता करेंगे कि मीटर जलने का वास्तविक कारण क्या है।एसके चंद्रा, जेई