ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश हरदोई11 ऑक्सीजन प्लांट के सहारे तीसरी लहर से जंग

11 ऑक्सीजन प्लांट के सहारे तीसरी लहर से जंग

हरदोई | संवाददाता कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की जो किल्लत हुई उसको कोई

11 ऑक्सीजन प्लांट के सहारे तीसरी लहर से जंग
हिन्दुस्तान टीम,हरदोईFri, 23 Jul 2021 04:50 AM
ऐप पर पढ़ें

हरदोई | संवाददाता

कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की जो किल्लत हुई उसको कोई भी भूलने वाला नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य महकमे की ओर से ऑक्सीजन की व्यवस्था को ठीक करने के लिए काफी हद तक अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। हालांकि अभी व्यवस्थाएं चालू हालत में होने में थोड़ा वक्त ओर लगेगा। फिलहाल तीन ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह से ओके हैं, जो चल रहे हैं। आठ निर्माणाधीन हैं।

दूसरी लहर के समय बहुत से लोग डर की वजह से आरटी-पीसीआर की जांच कराने से कतरा रहे थे। हालांकि फिर भी वह कोरोना की चपेट में आने से मजबूरन उनको डॉक्टर के पास जाना पड़ता था। यहां तक जिला अस्पताल की इमरजेंसी का हाल देखा जाए तो वहां पर उस समय अधिकतर मरीज ऑक्सीजन लेवल कम होने से भर्ती करते थे। यही नहीं ऑक्सीजन के लिए चारों तरफ मारामार मची हुई थी। हर मरीज ऑक्सीजन ऑक्सीजन चिल्ला रहा था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से थोड़ी-थोड़ी ऑक्सीजन देकर दिलाने का प्रयास किया जा रहा था। इस समस्या को देखकर जनपद में 11 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की व्यवस्था की गई। जिसमें जिला अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में हैं। जबकि तीन प्लांटों पर अभी काम चल रहा है।

कौन कहता है आक्सीजन की कमी से नहीं हुई मौतें: हरदोई। समय रहते जिम्मेदारों ने दावे पूरे न किए तो कोरोना की दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में भी आक्सीजन के लिए मुसीबत हो सकती है। कहीं आक्सीजन प्लांट अधूरे पड़े तो हीं मैनपावर का अभाव है। अफसर तैयारी पूरे होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अधूरे इन्तजाम दिखा रही है। केंद्र सरकार ने भले कहा हो किसी की आक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई हो लेकिन जिले में तमाम लोग आक्सीजन के लिए भटके थे, समाज सेवियों ने आगे आकर आक्सीजन मुहैया कराई थी।

प्लांट चलाने के लिए कर्मचारियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

जिला महिला अस्पताल में भी एक ऑक्सीजन प्लांट पर काम चल रहा है। बावन सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह से तैयार हो चुका है। संडीला, शाहाबाद, अहिरोरी सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। तीसरी लहर के नजदीक होने से स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने यह फैसला लिया है कि ऑक्सीजन प्लांट चलाने के लिए कर्मचारियों को ही ट्रेनिंग दे दी जाएगी।

बावन के अजय मिश्रा ने कहा कि उनके बाबा को कोरोना हो गया था। इलाज के लिए बावन सीएचसी गया। वहां ऑक्सीजन की व्यवस्था नही थी। फिर एल-2 अस्पताल ले गया। वहां पर देखरेख अच्छी नही थी। ऑक्सीजन भी कम दी जाती थी। भर्ती के दौरान ही मौत हो गयी।

सांडी के श्याम बिहारी मिश्रा ने कहा बेटा सिद्धांत को कोरोना की चपेट में था। इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा। कहीं ऑक्सीजन तो कहीं वेंटीलेटर का अभाव था। यही नहीं बेटे को वेंटीलेटर मिल गया होता तो शायद जान बच जाती। यही एक अफसोस दिल में रह गया।

बावन के बबलू ने कहा पिता को कोरोना हो गया था। उनको एल-2 में भर्ती करवाया गया। अस्पताल में उनकी कोई देखरेख अच्छी नही हुई। जबरन घर भेज दिया गया। इस दौरान ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो सकी। जिसके चलते घर में एक दिन बाद ही उनकी मौत हो गयी।

व्यापारी शाश्वत अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की भारी कमी हुई थी। सरकारी अस्पतालों में मांग के अनुरूप लोगों को समय से सिलेंडर न मिल पाने पर युवा आए गाए थे। उन्होंने कोरोना वॉरियर्स ग्रुप बनाकर लोगों को आक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें