रैन बसेरे में हो रही चोरी
Hapur News - दिसंबर की ठंडी रात में, गाजियाबाद में रैन बसैरा खाली पड़ा था, जबकि फुटपाथ पर लोग सो रहे थे। रैन बसैरा में चोरी के डर से लोग वहां नहीं रुक रहे थे। प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया, लेकिन...

दिसंबर का महीना और कड़ाके की सर्द रात। समय घड़ी में रात 08 बजे का था। हिन्दुस्तान की टीम रेलवे स्टेशन पर दौरा करने के लिए निकली थी। तभी नजर फुटपाथ पर बैठे लोगों पर गई। पास में ही नगर पालिका की ओर से स्थापित किया गया रैन बसैरा भी बना हुआ था। फुटपाथ पर लोग सो रहे थे और कुछ परिवार खाना खाने के साथ-साथ अलाव के सहारे पूस की रात को काटने पर विवश थे। संकोच था तो फुटपाथ पर सो रहे लोगों से गुफ्तगू की, उन्होंने कहा कि साहब रैन बसैरे में सामान चोरी होता है, इसलिए फुटपाथ पर सोना उनकी मजबूरी है।
पूस की सर्द रातों को सबसे कड़ाके की सर्द रातों में गिना जाता है। इन सर्द रातों में लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से रैन बसैरों को स्थापित किया जाता है। ताकि सड़कों पर घूमने वाले और राहगीरों सर्दी से बचने के लिए इनका प्रयोग कर सकें। लेकिन सबसे सुरक्षित रैन बसैरों में ही यदि चाेरी होने लगेंगी तो यहां पर रात गुजारने वाले लोग कहां जाएंगे, इसका आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं।
बृहस्पतिवार रात को हिन्दुस्तान टीम ने रेलवे स्टेशन के आसपास के स्थानों पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जहां पर देखा कि रेलवे स्टेशन के पास ही नगर पालिका द्वारा रैन बसैरा तो स्थापित कर दिया गया था, लेकिन वह खाली पड़ा हुआ था। जबकि रैन बसैरे के बाहर बने फुटपाथ पर लोग आराम से खुले आसमान के नीचे सो रहे थे। टीम ने फुटपाथ पर सो रहे गांव ततारपुर निवासी कुलदीप को जगाया तो उसने कहा कि वह बीमार है। रैन बसैरे में सोना चाहता है, लेकिन उसका सामान चोरी हो गया था। इसलिए सर्द रात में वह फुटपाथ पर अपना सामान तकिया बनाकर सो रहा है। इससे सामान तो सुरक्षित रहेगा। मुरादाबाद के रहने वाले कल्लू ने बताया कि वह रेलवे स्टेशन के मुसाफिरखाने में साेते हैं। एक दिन रैन बसैरे में सोया था, उसका बैग किसी ने चोरी कर लिया।
रैन बसैरे के पास में जिला गाजियाबाद के डासना का राजू अपने परिवार के साथ डेरा जमाए हुआ था। राजू से बात करने पर पता लगा कि उसके पास इतना ज्यादा सामाना है कि रैन बसैरे वालों ने उसे वहां सोने नहीं दिया। इसलिए मजबूरी में उसने अपना ठिकाना बाहर ही जमा लिया। सर्द रात में अलाव जलाकर अपने परिवार को बचाने की कोशिश में वह रहता है। इस स्थान पर एक परिवार फुटपाथ पर खाना खाते हुए मिला। उसने पूछने पर बताया कि खाना खाने के बाद रैन बसैरे में ही जाकर आराम करेंगे, लेकिन सामान चोरी होने की वजह से वह कोशिश कर रहे हैं कि किसी अन्य रैन बसैरे में जाकर रात गुजारे।
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रैन बसैरे की रजाई तक ले गए हैं चोर
जब टीम ने रैन बसैरे में जाकर पड़ताल की तो वह खाली था। रैन बसैरे में नगर पालिका के कर्मचारी मौजूद थे। उनसे वार्ता हुई तो उन्होंने कहा कि कुछ असमाजिक तत्व यहां आ जाते हैं और रात गुजारने वाले लोगों के जूते, बैग चोरी कर ले जाते हैं। इतना ही नहीं रैन बसैरे में रात गुजारने वाले लोगों के लिए जो रजाई रखी गई थी, उनको भी असमाजिक तत्व चोरी कर ले गए। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जा चुकी है।
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क्या कहते हैं अधिकारी
हमने भी निरीक्षण के दौरान फुटपाथ पर सोने वाले लोगों से रैन बसैरों में रहने की बात की थी, लेकिन वह लोग वहां रहने को तैयार नहीं हैं। यदि रैन बसैरे में यात्रियों के सामान चोरी हो रहे हैं तो यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस मामले में पुलिस को तत्काल प्रभाव से निर्देशित किया जा रहा है कि वह रैन बसैरों के पास गश्त बढ़ाए और ऐसे लोगों पर नजर रखें।
अंकित पांडेय, एसडीएम सदर।
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