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सब्जी के रेट धड़ाम: 3 हजार से 150 रुपये कट्टा, किसानों ने जोत डाली गोभी की फसल

करीब 25 दिनों से हापुड़ समेत देश के कई राज्यों के हजारों किसान 6 डिग्री तापमान के बीच कोरोना जैसी महामारी को दरकिनार कर सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान अपनी फसल पर लागत का भी रेट न मिलने के कारण...

सब्जी के रेट धड़ाम: 3 हजार से 150 रुपये कट्टा, किसानों ने जोत डाली गोभी की फसल
मुलित त्यागी,हापुड़Tue, 22 Dec 2020 01:12 AM
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करीब 25 दिनों से हापुड़ समेत देश के कई राज्यों के हजारों किसान 6 डिग्री तापमान के बीच कोरोना जैसी महामारी को दरकिनार कर सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान अपनी फसल पर लागत का भी रेट न मिलने के कारण परेशान चल रहा है। दूध के रेट नीचे चले गए हैं तो बंद गोभी का रेट तीन हजार रुपये कट्टे से 140 रुपये कट्टा हो गया है। दिल्ली और गुजरात से कम डिमांड होने के कारण रेट बहुत नीचे पहुंच गए। जिस कारम करीब 10 से अधिक किसानों ने हापुड़ के गांवों में खड़ी बंदगोभी की फसल को खेत में जोत डाला है।

दिल्ली के नजदीक एनसीआर के सबसे छोटे जिले हापुड़ में करीब 300 किसान 800 हैक्टेयर जमीन में बंदगोभी की खेती कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। एक माह पूर्व बंदगोभी की सब्जी बाजार में आई थी। इसके रेट आसमान छू रहे थे। एक कट्टे में 50 किलो बंदगोभी 3 हजार रुपये में बिक रही थी। जबकि किसान का एक बीघा के खेत 70 से 80 हजार रुपये में खड़ा बिक रहा था। परंतु किसान कृषि विधेयक के विरोध में दिल्ली घेर का बैठ गया।

उसके बाद बंदगोभी का रेट डाउन होता जा रहा है। 15 दिन पहले 50 किलो का कट्टा 15 सौ रुपये तक आ गया जबकि एक सप्ताह से 50 किलो का कट्टा 140 और 150 रुपये तक बिक रहा है। किसानों को लागत मिलनी बंद हो गई है। जिस कारण किसानों ने एब बंद गोभी की सब्जी को खेत में ही जातना शुरू कर दिया है। तीन दिन में 10 से अधिक किसानों ने 50 से अधिक बीघा फसल जोत दी है। जिसमें किसान अब गेहूं बो रहा है।


गुजरात-दिल्ली समेत प्रदेश की सभी मंडी में जाती है गोभी
मेरठ-बुलंदशहर हाईवे स्थित मंडी से प्रतिदिन कई ट्रक बंदगोभी नियार्त होती है। जिसमें दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेशके अलावा यूपी के कई जिलों का व्यापारी आता है। लेकिन अब कम व्यापारी आने के कारण किसान दिक्कत में आ गया है।

 

2 हजार रुपये बीघा का घाटा
बंदगोभी का बीज 28 से 30 हजार रुपये किलो में मिलता है। एक बीघा बंदोगभी बोने में 8 से 10 हजार रुपये का खचार् होता है। जिसमें करीब 60 कट्टा बंदगोभी का उत्पादन हो जाता है। बंदगोभी एक बीघा में करीब 6 से 7 हजार रुपये की निकल रही है। जबकि अगर उसको मंडी तक ले जाते हैं तो कट्टा, लेवर और डीजल का खर्च बढ जाता है। यानि किसान को एक बीघा में लगभग 2 से 3 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। जिस कारण फसल जोत रहे हैं।

 

शामली में भी 40 बीघा फसल पर किसान चलवा चुके हैं ट्रैक्टर
शामली जनपद के कैराना क्षेत्र के चार किसान अबतक अपनी 40 बीघा फूल गोभी की फसल को ट्रैक्टर चलवाकर नष्ट कर चुके हैं। 16 दिसबंर को कैराना के मोहल्ला खैल कलां निवासी ताजीम अली ने आठ बीघा, किसान शमीम ने भी आठ बीघा और किसान बल्लू ने 14 बीघा गोभी की फसल को नष्ट करा दिया। इसके तीन दिन बाद 19 दिसम्बर को कैराना के ही किसान इरशाद ने 10 बीघा गोभी पर ट्रैक्टर चलवा दिया।

गोभी के रेट गिरने से किसान चिंतित
मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, बागपत, मुजफ्फरनगर में दिल्ली में सप्लाई प्रभावित और एक साथ फसल तैयार होने से गोभी के रेट गिर गए हैं, जिससे किसान चिंतित हैं। हालांकि, इन जिलों में अभी तक किसी किसान के फसल जोतने का समाचार नहीं है।

 

मुरादाबाद में बढ़ गए गोभी के रेट
मुरादाबाद मंडल के चार जिलों मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा और संभल में सब्जियों की बंपर पैदावार हुई है। पिछले महीनों की तुलना में कीमतों में भारी कमी आई है। हालांकि मुरादाबाद में बंद गोभी और गोभी की कीमतें पिछले सप्ताह की तुलना में बढ़ी हैं। पिछले हफ्ते गोभी का रेट 400 से 500 रुपये कुंतल था, जो अब बढ़ कर 600 से 800 रुपए कुंतल हो गया है।
उधर, कानपुर क्षेत्र के जिलों में सब्जी सस्ती तो हुई है पर फेंकने या जोतने की नौबत नहीं आई है। उन्नाव में गोभी, बंधा के दाम गिर गए हैं। बरेली और आसपास के जिलों से सब्जियों के दाम में मामूली गिरावट आई है।


इन्होंने कहा..
मंडी निरीक्षक प्रभाष चंद का कहना है कि आज मंडी में गोभी 1 रुपये किलो बिकी है। एक पिन्नी का पैक 25 रुपये बिका। जबकि एक महीने पहले यह पैक 250 से 300 रुपये का था। कोरोना, सहालग खत्म, दिल्ली से कम डिमांड और आंदोलन के कारण डिमांड न होने पर रेट कम होगए हैं।


जिला उद्यान अधिकारी एसके शर्मा का कहना है कि उत्पादन ज्यादा हो गया, ज्यादा सब्जी बाजार में आ गई है। दिल्ली आंदोलन के कारण दिल्ली से डिमांड कम हो सकती है। जिस कारण रेट कम हो गए हैं।

 

फैक्ट फाइल
300 किसान
800 हेक्टेयर रकबा
150 रुपये प्रति कट्टा रेट
10 हजार का एक बीघा में खर्च
6 हजार रुपये की एक बीघा से निकल रही है।

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