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गांव ने 22 साल से लोकतंत्र हवनकुंड में नहीं दी वोट की आहूति

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के बाद जिले के 273 ग्राम पंचायतों में लोकतंत्र का 29 अप्रैल को महायज्ञ होने जा रहा है। गांवों की सरकार बनाने...

गांव ने 22 साल से लोकतंत्र हवनकुंड में नहीं दी वोट की आहूति
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,हापुड़Tue, 27 Apr 2021 11:31 PM
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हापुड़। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के बाद जिले के 273 ग्राम पंचायतों में लोकतंत्र का 29 अप्रैल को महायज्ञ होने जा रहा है। गांवों की सरकार बनाने के लिए गांवों में पूरी तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन गंगा की तलहटी में बसे गंगानगर गांव के लोगों ने 22 साल पहले चुनाव में ही वोट डाले थे।

कोरोना के बीच पंचायत चुनाव की तैयारी में सिस्टम जुट गया है। गांवों में मतदान के लिए मतदेय स्थलों पर काम तचल रहा है। बूथों पर वोट डालने के लिए ग्रामीण उत्साहित है। पहली बार 18 साल वाले गांवों के युवा पहली बार वोट डालेंगे। गांवों की सरकार के लिए हर गांव में कोरोना जैसी महामारी के बीच जहां प्रचार चल रहा हैं, दावते उड़ रही है। हर गांव में उम्मीदवारों ने दावतों में कम से कम एक एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए है। वहीं जिले में एक गांव ऐसा भी हैं जहां पर लोकतंत्र का पर्व नहीं मनाया जा रहा है। करीब 120 वोट वाले इस गांव में 22 साल से कोई चुनाव नहीं हुआ है। 1999 में हुए पंचायत चुनाव में गंगानगर वालों ने वोट डाले थे। जिसके बाद से आज तक किसी भी चुनाव में उनको वोट डालने का हक नहीं मिला है।

नसबंदी के बाद मिले थे पट्टे--

1977 के आसपास केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए नसबंदी अभियान में जिन लोगो ने हिस्सा लिया था। उनको आवासीय पट्टे आवंटित कर दिए गए थे। जिसके बाद गंगा के बीच टापू पर यह गांव बस गया था। उसके बाद हुए लोकसभा, विधानसभा तथा पंचायत चुनावों में यहां के लोगों ने मतदान किया था। परंतु 1999 के चुनाव के बाद इनको बंग्लादेशी मानते हुए भारतीय नागरिकता छीन ली गई थी।

हम कलकत्ता के हैं--

ग्रामीण उत्तम सिंह का कहना है कि आज भी 1966 की वोटरलिस्ट में हम कलकत्ता के वाशिंदे हैं। हम यहां आकर रहने लगे थे। परंतु सियासत के चलते हमको बंग्लादेशी बता हमसे नागरिकता का हक छीना गया था। अंतिम वोट 1999 के चुनाव में दी थी। जबकि हमारे गांव की 20 वोट आज बी वहां है। इसके अलावा हमारे परिवारों से एक चयुवक सेना तथा एक सरकारी नौकरी पर है।

नागरिकता का इंतजार--

एसडीएम गढ़ विजय वर्द्धन का कहना है कि इन परिवारों की नागरिकता के लिए प्रदेश सरकार से केंद्र को रिपोर्ट जा चुकी है। परंतु अभी शासन और केंद्र से कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। इस लिए इस बार भी इनको वोट डालने का अधिकार नहीं मिल पाया है।

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