शहर में नहीं हो रहा नो एंट्री का पालन, जाम बरकरार
शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने को घोषित किए गए नो एंट्री का कोई मतलब ही नहीं रह गया...
शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने को घोषित किए गए नो एंट्री का कोई मतलब ही नहीं रह गया है। नो इंट्री में वाहनों के आवागमन के चलते लोगों को जाम की भयंकर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नो इंट्री में दौड़ते वाहन वाहन ट्रैफिक नियमों खिल्ली उड़ाते नजर आ रहे है। जबकि सब कुछ देखकर भी ट्रैफिक पुलिस मौन बनी हुई है। पुलिस की कार्यशैली देखकर लगता है कि लोगों को जाम से मुक्ति मिलने वाली नहीं है।शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है। पुलिस की सह पर प्रतिदिन नियमों को ताक पर रख कर भारी वाहनों दिनभर आवागमन होता रहता है। बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के चलते शहरवासियों के समक्ष प्रतिदिन शहर में आने-जाने में समस्या खड़ी हो रही है। शहर में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक शहर में नो एंट्री के बावजूद दिन में ही भारी वाहनों शहर से होकर गुजरते रहते है। वैसे तो शहर में यातायात की समस्या वर्षों से लुंज-पुंज बनी हुई है। आलाधिकारियों द्वारा इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई किये जाने से कुछ दिन स्थिति बदल तो जाती है लेकिन, पुन: यह समस्या मुंह बाये खड़ी हो जाती है। जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ता है। खासकर बुलंदशहर रोड से लेकर मेरठ रोड, दिल्ली रोड से लेकर गढ़ रोड व अन्य मुख्यों चौराहों व मार्गों पर जाम की स्थिति दिन भर काफी भयावह रहती है। क्योंकि, बदहाल व्यवस्था के बीच नो एंट्री में ट्रक व आदि भारी वाहन धड़ल्ले से चलते हैं। कहीं जेबें गरम करने में तो नहीं लगे ट्रैफिक पुलिकर्मीशहर में लगने वाला जाम जहां लोगों के लिए नासूर बनता जा रहा है। नो एंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश पर पुलिस कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है। धड़ल्ले से शहर से गुजरने वाले भारी वाहनों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों पुलिसकर्मी अपनी जेबें गरम कर यातायात व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे है। पुलिस के सामने से बेखोफ होकर गुजरने वाले भारी वाहन चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती दिख रही है। पुलिस की इस कार्यशैली पर सवालियां निशान खड़े कर दिए है। शहर में कहीं नहीं पार्किंग की व्यवस्थाजाम का प्रमुख कराण लंबे समय से शहर में वाहन पार्किंग नहीं होना है। जिसके कारण निजी वाहन तो दूर सवारी वाहनों, ऑटो, ई- रक्शिा भी खड़ी करने के लिए शहर में कहीं भी जगह नहीं है। ऐसे में पूरे लोगों को सड़क किनारे वाहनों खड़ा करने के अलावा कोई चारा नहीं होता। जिसके चलते दिनभर लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में न तो नगरपलिका ध्यान दे रही है और न ही आलाधिकारियों द्वारा इंस संबंध में कोई पहल होती दिख रही है। दिनों दिन शहर में बढ़ रहे यातायात दबाव से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है।