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अखिर नोटबंदी के बाद कैसे पनप गया अरबों का काला कारोबार

सरकार संसद में जीएसटी और नोटबंदी के बाद व्यापार में ब्लैकमनी को समाप्त करने का दावा ठोक रही है वहीं हापुड़ में एक व्यापारी के यहां पर लोग काली कमाई से अरबों की कमेटी चला रहे...

अखिर नोटबंदी के बाद कैसे पनप गया अरबों का काला कारोबार
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Wed, 16 Jan 2019 12:39 AM
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सरकार संसद में जीएसटी और नोटबंदी के बाद व्यापार में ब्लैकमनी को समाप्त करने का दावा ठोक रही है वहीं हापुड़ में एक व्यापारी के यहां पर लोग काली कमाई से अरबों की कमेटी चला रहे थे। दीगर बात यह है कि इस व्यापारी के यहां काला कारोबार खुलकर चलता था और आयकर विभाग भी पिछले साल ही व्यापारी के घर और दुकान पर रेड कर चुका था। हाल ही में व्यापारी लोगों की कमेटी के 80 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया है। व्यापारी के फरार होने के बाद पीड़ित व्यापारियों ने पंचायत का ऐलान किया है। उन्होंने इस मामले में जिला प्रशासन से भी मदद की गुहार लगाई है।नगर के कसेरठ बाजार स्थित एक फर्म के मालिक कमेटी डालने का कार्य करते थे। जिनके यहां पर शहर के व्यापारियेां के साथ कई बड़े नेताओं की कमेटी भी डाली जाती थी। व्यापारियों के मुताबिक करीब पांच सौ लोग यहां पर कमेटी के रुप में करीब एक अरब रुपये से अधिक का लेनदेन करते थे और दीगर बात यह है कि यह सारा लेनदेने ब्लैकमनी में ही होता था। कमेटी संचालन के रुप में इन व्यापारियों का बाजार में अच्छी साख थी, लेकिन पिछले एक महींने से व्यापारी अपने का नुकसान में होने की बात कहकर लोगों की पेंमेट देने में देरी कर रहे थे। जबकि एक सप्ताह पहले अब यह व्यापारी अपना कारोबार समेट कर फरार हो गए। बाजार में इनके फरार होने की खबर सुनकर लोगों के होश उड गए। व्यापारियों का कहना है कि हापुड़ नगर के व्यापारियों की ही करीब 80 करोड़ की देनदारी है। ऐसे में व्यापारी परेशान है। इस व्यापारी को कई जगह पर तलाश किया गया है लेकिन इसका कोई पता नहीं चल सका। नगर के व्यापारी अब इस मामले में पंचायत करेंगे। नगर कोतवाली प्रभारी महावीर चौहान ने बताया कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। नोटबंदी के बाद ही कारोबार बंद होने की फैली थी अफवाह - 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री ने एक हजार और पांच सौ के नोटों का चलन बंद करने की घोषणा की तो शहर में कमेटी संचालक के यहां पर कमेटी डालने वाले व्यापारियों की बैचेनी बढ़ गई थी। क्योकि कमेटी का अरबों रुपये का लेनदेन नकद में और बड़े नोटों में ही होता था। फिर कई महीनों तक इस कारोबार के बंद होने की भी अफवाह फैली, लेकिन कुछ महीनों के बाद ही लाखों और करोड़ों का यह काला कारोबार पनप गया और नकद में ही लेनदेन शुरू हो गया। आयकर विभाग के छापे के बाद भी बंद नहीं हुआ कारोबार - नोटबंदी के बाद जून 2017 में इस कारोबारी के घर और प्रतिष्ठानों पर अचानक आयकर विभाग की रेड हो गई। कई घंटों तक घर और दुकान की तलाशी चली। इसमें आयकर विभाग ने दुकान से कमेटियों के सभी खाते और करीब 10 करोड़ रुपये नकद जब्त कर अपने कब्जे में लेने की बात कहीं। लेकिन कुछ महीनों के बाद सारा मामला हवा-हवाई हो गया और शहर में यह अरबों की कमेटियों का लेनदेन फिर से फल फूल गया। संपत्ति कब्जाने को लेकर व्यापारी के बने दो गुट - कमेटी के रुपये लेकर फरार हुए व्यापारी की दुकान कसेरठ बाजार में स्थित थी। लोगों का कहना है कि कसेरठ बाजार के कई व्यापारियों के करीब 18 करोड़ रुपये कमेटी में लगे हुए थे। जिससे लेकर वहां के व्यापारियों ने उनकी कई संपत्तियों को अपने कब्जे में लेकर अपना नुकसान पूरा कर लिया है। इससे नगर के अन्य व्यापारियों में रोष व्याप्त है और उन्होंने संपत्ति को लेकर पंचायत करने की घोषणा की है। अरबों के काले कारोबार से जिलाप्रशासन बेखबर - करीब दस सालों से कसेरठ बाजार में चल रहा कमेटी का गोरखधंधा आसपास के जिलों समेत गांवों में भी मसहू२ हो गया था, लेकिन जिला प्रशासन और आयकर विभाग को इसकी भनक तक न लगना बड़े सवाल खड़ा कर रहा है। इस बाजार में गरीबों से लेकर अमीरों तक की कमेटी डाली जाती थी। इसमें एक लाख से एक करोड़ तक की कमेटी संचालित हो रही थी। जिसका भुगतान नकद रुपयों में ही किया जाता रहा है। लेकिन इस पुलिस से लेकर आयकर विभाग तक सभी अनजान बने हुए हैं।

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