सजा के खिलाफ याचिका खारिज, बरकरार रहेगी सजा
बागपत। बालैनी थाना क्षेत्र में वर्ष 1998 में चिकित्सक से हुई लूट की घटना के मुकदमे में न्यायालय ने आरोपियों द्वारा सजा के आदेश के खिलाफ दायर कराई गई...
बालैनी थाना क्षेत्र में वर्ष 1998 में चिकित्सक से हुई लूट की घटना के मुकदमे में न्यायालय ने आरोपियों द्वारा सजा के आदेश के खिलाफ दायर कराई गई याचिका खारिज कर दी। वर्ष 2019 में सुनाई गई सजा को बरकरार रखने के आदेश जारी किए गए। जिसमें न्यायाधीश के आदेश पर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि गत 29 सितंबर 1998 में हबीबपुर नंगला निवासी किशनलाल ने बालैनी थाने पर दी तहरीर में बताया था कि उसका भतीजा खिलारी पुत्र बाबूराम चिकित्सीय कार्य करता है और वह वापस लौट रहा था। तभी रास्ते में दो बदमाशों ने उसके भतीजे खिलारी पर फायरिंग करने के बाद चाकू से हमला किया और लूट की वारदात को अंजाम दिया। जिसमें पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने फुगाना निवाासी जितेंद्र पुत्र वीरसैन व भिकारी पुत्र मोहरसिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। मुकदमे की सुनवाई पूरी होने के बाद सीजेएम कोर्ट ने आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा और दो-दो हजार रुपये अर्थदंड लगाया। जिसके खिलाफ आरोपियों ने न्यायालय में याचिका दायर की। जिस पर शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एससीएसट एक्ट शैलेंद्र पांडेय के समक्ष सुनवाई पूरी हुई। जिस पर न्यायालय ने लूट की घटना में जितेंद्र व भिकारी को दोषी मानते हुए अपील खारिज कर दी और सीजेएम न्यायालय की सजा बरकरार रखने के आदेश जारी किए।