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विधि विधिन से की गोवर्धन पूजा, जगह जगह हुआ अन्नकूट

गुरुवार को गोवर्धन पूजा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। जहां घरो में भगवान गोवर्धन की पूजा की गई। वहीं नगर में विभिन्न स्थानों पर अन्नकूट का वितरण भी किया...

विधि विधिन से की गोवर्धन पूजा, जगह जगह हुआ अन्नकूट
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Thu, 08 Nov 2018 11:43 PM
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गुरुवार को गोवर्धन पूजा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। जहां घरो में भगवान गोवर्धन की पूजा की गई। वहीं नगर में विभिन्न स्थानों पर अन्नकूट का वितरण भी किया गया। अन्नकूट लेने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। इस पर्व पर गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा अर्चना की जाती हैं। गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है।

गुरुवार को गोवर्धन पूजा की गई दिपावली से अगले दिन यह पर्व मनाया जाता है। जिसमें घर में गाय के गोबर से गोवर्धन की प्रतिमा बनाकर ग्वाल बाल और गाय बनाई जाती है। जिनकी विधि विधान से पूजा भी की जाती है। इस पर्व की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण की द्वारा की गई। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है। यह पर्व प्रकृति के साथ मानव का संबंध प्रदर्शित करता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब वृंदावन में इंद्रदेव की पूजा न करके भगवान गोवर्धन की पूजा की तो भयंकर वषार हुई और गायो और लोगो का पालन करने वाले गोवर्धन पर्वत को भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनष्ठिा अंगुली पर उठाया था।इंद्र के प्रकोप और उनका अहंकार तोड़ने के लिए ही भगवान ने अपनी कनष्ठिा अंगुली का प्रयोग किया। विधि विधान से गोवर्धन पूजा की गई और स्वादष्टि पकवान बनाए गए। भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने के बाद श्रछ्धालुओं में महा प्रसाद का वितरण किया गया। गौपालको का त्यौहार है गोवर्धन यह पर्व गाय भैंसो के पालन करने वालों का त्यौहार है। क्योकि गाय को माता का दर्जा दिया गया है। वहीं पृथ्वी ने भी गाय का रुप धारण किया। गोवर्धन पूजा से ही पृथ्वी पर खुशहाली आती है। वहीं पशुपालको ने भी अपने पशुओ को नहलाया और गले में घुंघरु और घंटी बांधी। जिससे पशु आकर्षक लग रहे थे।

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