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भगवा रंग में रंग जाएगा मेला, सीएम को देखने के लिए श्रद्धालुओं को लगानी पड़ेगी दौड

सीएम की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने जनसभा स्थल को मेले से करीब एक किलोमीटर दक्षिण की दिशा में पहुंचा दिया...

भगवा रंग में रंग जाएगा मेला, सीएम को देखने के लिए श्रद्धालुओं को लगानी पड़ेगी दौड
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Sun, 18 Nov 2018 12:57 AM
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सीएम की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने जनसभा स्थल को मेले से करीब एक किलोमीटर दक्षिण की दिशा में पहुंचा दिया है , जहां पर हेलीपेड़ से सीधे गंगा तट और फिर वापसी जनसभा स्थल पर पहुंचेंगे। जिला प्रशासन गंगा तट को भगवा रंग में रंग रहा है जबकि जनसभा स्थल से लेकर गंगा तट कर फूलों से रास्ता सजाया जाएगा। लेकिन सीएम मेले का पूरा नजारा केवल हेली़कॉप्टर से ही देख सकेंगे और श्रद्धालुओं को जनसभा स्थल तक एक किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ेगी।पांच साल बाद फिर से गंगा अमरोहा की तरफ को पहुंच गई है जिसने हजारों बीघा जंगल में रेत ही रेत छोड़ दिया है। प्रदेश सरकार द्वारा जो गंगा तट पर बांध बनाया जा रहा था आज गंगा उससे भी एक किलोमीटर दूर पहुंच गई है। मेले में लाखों श्रद्धालु पड़ाव डा चुके हैं जिसके चलते मेला कई किलोमीटर में फैला दिखाई दे रहा है। परंतु प्रशासन ने 22 नवंबर को मुख्यमंत्री की जनसभा को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से स्थान बदल दिया है। जिसमें मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को मुख्य मेला और पशु मेला के बीच कर दिया है। जिसमें सीएम के कार्यक्रम स्थल और मुख्य मेला के बीच रेतीली जमीन तथा दलदल वाली जमीन भीा रही है। रेत में भी वाहन फंस रहे हैं तो दल दल जमीन में एक श्रद्धालुओं की ट्राली फंसी हुई खड़ी थी। उससे करीब 700 मीटर आगे चलने के बाद सीएम का जनसभा स्थल तैयार किया जा रहा था। जबकि वहां से एक रास्ता गंगा तट के लिए तैयार हो रहा है जबकि गंगा तट पर पूजा के लिए प्लेट फार्म बनाया जा रहा है। गंगा तट पर हापुड़ के डीएम अदिति सिंह तथा एसपी संकल्प शर्मा पहुंचे तो मुरादाबाद से आईजी और कमिश्नर नाव में बैठकर पहुंच गए। जहां पर हेली पेड से गंगा तट तक आने वाले अस्थाई मार्ग को भगवा रंग में रंग कर फूलों से सजाने तथा बैरिकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है। गंगा तट को भगवा रंग में किया जा रहा है।पैदल ही दौड़ेंगे श्रद्धालु--जनसभा स्थल तथा हेलीपेड और गंगा पर पूजा के लिए बन रहे प्लेट फार्म को दक्षिण दिशा में ले गए है। जिसके बीच में करीब एक किलोमीटर लम्बे क्षेत्रफल में दलदल तथा रेतीली जमीन है। जहां पर वाहनों का आना मुश्किल है। जबकि एक मार्ग वीआईपी लोगों के लिए बन रहा है जबकि एक मार्ग गढ़ नगर से पशु मेला होते हुए पहुंच रहा है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री अगर सीधे हेलीपेड पर उतरे तो मेले का पूरा नजारा देख नहीं पाएंगे। जबकि श्रद्धालुओं को भी जनसभा तक आने के लिए रेतीली और दलदल वाली जमीन पर दौड़ लगानी पड़ेगी।इस तरफ नहीं आते श्रद्धालु--जिस स्थान पर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम किया जा रहा है वहां पर केवल दिल्ली सेक्टर के बाद पशु मेला ही भरता है। जबकि श्रद्धालुओं की ट्रेक्टर-ट्राली और भैंसा बुग्गी मेरठ सेक्टर तथा हापुड़ सेक्टर तक रह जाती है। जिसके चलते आज तक मेले में दक्षिण की दिशा में पसु मेला के पास बहुत ज्यादा श्रद्धालु पड़ाव नहीं करते हैं। हालांकि प्रशासन ने स्थान चिंहित करने के बाद खाली पड़ी जमीन पर श्रद्धालुओं की ट्रेक्टर ट्राली भेजनी शुरू कर दी है।

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