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दीपदान के दिन मुख्यमंत्री की जनसभा में होगा पुलिस-प्रशासन का इम्तिहान

महाभारत काल से गंगा के खादर क्षेत्र में विशाल रेतीले मैदान में प्रतिवर्ष कार्तिक मास में आयोजित होने वाले गंगा स्नान मेले में दीपदान के पर्व के बाद एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी व्यवस्थाओं को बनाए रखने...

दीपदान के दिन मुख्यमंत्री की जनसभा में होगा पुलिस-प्रशासन का इम्तिहान
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Sat, 03 Nov 2018 12:01 AM
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महाभारत काल से गंगा के खादर क्षेत्र में विशाल रेतीले मैदान में प्रतिवर्ष कार्तिक मास में आयोजित होने वाले गंगा स्नान मेले में दीपदान के पर्व के बाद एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी व्यवस्थाओं को बनाए रखने में विफल हो जाते हैं। जबकि इस बार सूबे के सीएम की जनसभा दीपदान के दिन यूपी पुलिस के लिए इम्तिहान होगा।गंगा के तीर हर वर्ष लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में करीब 30 लाख श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूण्यार्जित करते हैं। जबकि कई लाख श्रद्धालु मुख्य स्नान से पूर्व संध्या को विभिन्न जनपदों समेत कई राज्यों से दीपदान के लिए पहुंच जाते हैं। जिसमें उस साल में हादसे तथा सामान्य मौत होने पर उनके परिवार आत्म शांति के लिए गंगा की संध्या के समय दीपदान करते हैं। यानि कि गंगा स्नान मेले की व्यवस्थाओं के लिए उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से पुलिस बल मंगा कर तैनात किया जाता है। जिसके लिए मेले में 21 से अधिक थाने तथा एक पुलिस लाइन्स अस्थाई रुप से बनाई जाती है। परंतु उसके बावजूद भी दीपदान तथा मुख्य स्नान के दिन पुलिस प्रशासन की समस्त व्यवस्थाएं चौपट हो जाती है। क्योंकि दीपदान के लिए दोपहर से ही गढ़ के लिए वाहनों की लाइन लग जाती है जबकि दूसरी तरफ दीपदान के बाद वापसी शुरू हो जाती है। जिस कारण गढ़ नगर से लेकर मेला स्थल तक सभी रास्ते चोक हो जाते हैं। परंतु इस बार यूपी पुलिस की व्यवस्थाओं को इम्तिाहन होगा अगर दीपदान के लिए दोपहर को मुख्यमंत्री की जनसभा की गई। हालांकि मुख्यमंत्री और राज्यपाल महामहीम के कार्यक्रम को लगभग फाइनल माना जा रहा है। जिसके लिए पुलिस सभा स्थल के लिए स्थान चिंहित करने में जुट गई है। मेला स्थल में गन्ने की फसल का काटने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं पुलिस जनसभा के लिए गढ़ नगर से जाने वाले रास्ते के पास भी कराने के प्रयास में हैं। जिससे कि रेतीले मैदान पर कोई अव्यवस्था न हो सके। हालांकि पुलिस सूत्रों की माने तो मेला स्थल पर ही मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हेलीपेड चिंहित किया जा रहा है।गंगा का चार किमी दूर होना सिरदर्द---इस बार गंगा मेले में पुलिस प्रशासन के सामने सबसे बड़ी दिक्कत मेला स्थल दूर होना भी है। क्योंकि गंगा जो पांच साल में चार किलोमीटर हापुड़ की सीमा की तरफ आ गई थी। वह बाढ के बाद गंगा की धारा दूर जा चुकी है। मेला स्थल अमरोहा के जंगल में होगा जबकि गंगा ने विशाल रेतीला मैदान छोड़ दिया है।जिसके चलते सदर बाजार और मुख्य स्नानघाट के बीच काफी अंतर हो गया है। ऐसे में पुलिस को अतिरिक्त पुलिस बल की जरुरत पड़ सकती है।आस्था के रंग में रंगेगी सियासत--एक तरफ आस्था का सैलाब गंगा के तीर उमड़ेगा तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री को सुनने के लिए गढ़ गंगा के तीर सियासत उमड़ेगी। जिसके चलते श्रद्धालुओं की संख्या 30 लाख से अधिक बढ़ सकती है। क्योंकि ऐसा पहली बार मौका होगा जब प्रदेश के मुखिया गंगा स्नान मेले के दौरान गंगा पूजन के साथ जनसभा करेंगे।जिंप के लिए टेंशन--मेला राजकीय हो चुका है लेकिन व्यवस्थाएं जिला पंचायत के हाथ में हैं। मेले के लिए अभी तक 30 लाख का बजट आया है जबकि सीएम के आने पर गंगा आरती तथा गंगा स्नानघाट पर बेहतरीन व्यवस्था करना जिपं के लिए चुनौती होगा। जिसके लिए जिला पंचायत को मुख्य स्नानघाट पर विशेष कार्य करना होगा।जिला पंचायत के मुख्य अपर अधिकारी प्रणव पांडेय का कहना है कि एक दो दिन में सीएम का प्रोग्राम फाइनल हो तो जिला पंचायत कुछ व्यवस्थाएं चेंज करेगी। अभी सीएम और राज्यपाल के आने के संभावनाएं हैं जबकि कार्यक्रम फाइनल होने पर हेलीपेड समेत मुख्यस्नान घाट पर व्यवस्थाएं अलग से करनी होंगी।एएसपी राम मोहन सिंह का कहना है कि सीएम और राज्यपाल महामहीम के आने की संभावनाएं हैं अगर पाइनल प्रोग्राम आने का मिलता है तो पुलिस बल बढ़ाया जाएगा तथा व्यवस्थाएं पूरी करी जाएंगी।

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