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डिलीट वोट और मत प्रतिशत कही बिगाड़ न दे प्रत्याशियों के समीकरण

इस बार मतदान के दौरान गढ़ विधानसभा में अधिकतर बूथों पर वोट काटे जाने तथा डिलीट के मामले सामने आने पर जमकर हंगामा होता...

डिलीट वोट और मत प्रतिशत कही बिगाड़ न दे प्रत्याशियों के समीकरण
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Fri, 19 Apr 2019 01:01 AM
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इस बार मतदान के दौरान गढ़ विधानसभा में अधिकतर बूथों पर वोट काटे जाने तथा डिलीट के मामले सामने आने पर जमकर हंगामा होता रहा। कही पर किसी परिवार की पत्नी की वोट डिलीट कर दी गई तो कही पर परिवार के कई सदस्यों की वोट ही नहीं थी। जबकि उन लोगों ने 2014 के चुनाव में अपना मत दिया था। कई सौ वोट डिलीट तथा काटे जाने के कारण मतदेय स्थलों से वापस हो गई नहीं तो मत प्रतिशत 70 प्रतिशत से ऊपर चला जाता। कुल मिलाकर वोट डिलीट के बाद बढ़ा मत प्रतिशत प्रत्याशियों के समीकरण बदल सकता है।2014 के लोकसभा चुनाव में अमरोहा संसदीय सीट पर 71 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ था जबकि इस बार भी मतदान लगभग में पहुंच गया है। परंतु गढ़ विधानसभा क्षेत्र में मतदान 3 प्रतिशत बढ़ गया है क्योंकि 2014 में 65.15 प्रतिशत मतदान हुआ था जो इस बार 68.75 प्रतिशत हो गया है। वहीं अमरोहा जनपद की अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों में भी जमकर वोट पड़े हैं। जिसमें अमरोहा विधानसभा में हुए मत प्रतिशत को लेकर प्रत्याशियों के समीकरण बदल सकते हैं। बता दें कि ब्रहस्तपतिवार की सुबह जैसे ही मतदान शुरू हुआ तो अधिकतर बूथों पर वोट डिलीट तथा वोट काटे जाने को लेकर दिक्कत सामने आने लगी। गढ़ नगर के बूथ 297 पर वोट डिलीट को लेकर मामला डीएम तक पहुंच गया था जिसके बाद वह वोट गांव झड़ीना में बताई गई। इसके अलावा मुकेश सोनी के बेटे तथा बेटी की वोट काट दी गई तो मीना क्लाथ एम्पोरियम वालों की पत्नी की वोट भी नहीं थी। कुल मिलाकर अधिकतर बूथों पर वोट डिलीट तथा वोट काटे जाने को लेकर हंगामे चलते रहे। कही पर पूरे परिवार की वोट साफ थी तो कहीं पर पत्नी तथा कही पर पति की वोट काट दी गई है। यानि कि अगर वोट ्डिलीट और काटी नहीं जाती तो यह मत प्रतिशत और अधिक हो सकता था।पीठासीन अधिकारी बोले नहीं पड़ेगी डिलीट वोट--नगर के बूथ 287 पर भाजपा नेत्री पिंकी त्यागी की वोट डिलीट होने पर जब पीठासीन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कह दिया कि कंप्यूटर अथवा बीएलओ ने वोट डिलीट की है। लेकिन डिलीट वोट होने के बाद मतदान का कोई ऑप्सन नहीं बचा है। हालांकि बाद में गढ़ एसडीएम ने उस वोट को पैतृक गांव झड़ीना में बताकर मामले को शांत किया।

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