मांग: 3 टोल वाले जिले को एक तहसील की दरकार
27 सितंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने हापुड़ पहुंचकर हापुड़ को नया जिला घोषित किया था। गाजियाबाद से अलग हटाकर तीन तहसील का जिला बना दिया गया।...

27 सितंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने हापुड़ पहुंचकर हापुड़ को नया जिला घोषित किया था। गाजियाबाद से अलग हटाकर तीन तहसील का जिला बना दिया गया। यूपी का सबसे छोटा जिला होने के बाद भी यहां पर लोगों को तीन टोल पर वाहनों का टैक्स देना पड़ रहा है। जबकि, चौथे टोल की तैयारी गढ़-मेरठ हाईवे पर चल रही है। परंतु 11 साल बीतने के बाद भी जनपद को चौथी तहसील नहीं मिली है। मुख्यमंत्री पहली बार हापुड़ सिटी के पास आ रहे हैं। जिनसे जनपद के तीनों विधायक सीमा विस्तार की मांग रखेंगे।
1975 से पहले हापुड़ कभी मेरठ जनपद की तहसील हुआ करती थी। 1976 को गाजियाबाद जिले की तहसील बन गई। इस दौरान गढ़ को नई तहसील का दर्जा दिया गया। परंतु 2011 में हापुड़ को जिला घोषित कर दिया गया और धौलाना को नई तहसील का दर्जा मिल गया। 2011 के बाद से डीएम हापुड़ ने पांच बार जिले की सीमा विस्तार के लिए फाइल शासन को भेजी है। परंतु जनप्रतिनिधियों का सहयोग न मिलने के कारण फाइल लखनऊ, बुलंदशहर और हापुड़ के बीच फंस कर रह गई है।
बुलंदशहर के पाले में नई तहसील
तत्कालीन डीएम ने शासन को जब फाइल भेजी तो बुलंदशहर जनपद की तहसील स्याना और बुलंदशहर के 65 गांव अलग होकर नई तहसील बननी थी। क्योंकि बुलंदशहर यूपी का सबसे बड़ा जिला है जिसके पास 7 तहसील पहले से ही है। आठवी तहसील गुलावठी को बनाकर हापुड़ को दिया जाना है। राजस्व परिषद लखनऊ ने बुलंदशहर डीएम को फाइल भेजकर रिपोर्ट मांगी थी। परंतु 2012 के चुनाव से पहले सपा का वोट बैंक खिसने के चक्कर में नेताओं ने फाइल को रुकवा दिया था।
फैक्ट्री हापुड़ की जमीन मेरठ की
धीरखेडा मेरठ जिले में आता है परंतु वहां 400 से ज्यादा उद्योग हैं। जो हापुड़ जनपद के हैं। हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण का भी हस्तक्षेप है। परंतु राजस्व मेरठ को मिलता है।
लाखों की आबादी को मिलेगी राहत--
अगर देखा जाए तो गुलावठी तहसील में आने वाले सभी गांव बुलंदशहर जिला मुख्यालय से 50 किमी से दूर है। जबकि हापुड़ के पास है। 55 गांवों की लाखों की आबादी को हापुड़ जिले में शामिल होने से लाभ मिलेगा। क्योंकि उनकी मार्किट हापुड़ से हैं तथा वहां के परिवारों और बच्चों का हापुड़ आना जाना रहता है।
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तीनों विधायक पहली बार कहेंगे सीमा विस्तार की बात
छोटे से जिले में आबादी तीन टोल का विरोध करती आ रही है। वहीं जिले और नगर के सीमा विस्तार की मांग पूरी जोरों पर 10 साल से हो रही है। जनपद की तीनों सीट भाजपा के खाते में है। जनता के मतदाता ने इस बार पूरा जनपद भाजपा मयी कर दिया था। विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की पहली जनसभा है। जिसमें जिले की तीनों विधायक भी इस मांग को पूरजोर उठाएंगे।
मेरठ लोकसभा सांसद राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि सीमा विस्तार के लिए मुख्यमंत्री से वार्ती की जाएगी।
धौलाना विधायक धर्मेश तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री जनपद को बड़ी सौगात देकर जाएंगे। जिला कोर्ट के मामले में मिलकर आए थे। जिले की सीमा विस्तार के लिए अब मांग करेंगे।
हापुड़ विधायक विजयपाल आढती का कहना है कि जिला सीमा विस्तार की मांग मुख्यमंत्री जी से करी जाएगी।
गढ़ विधायक हरेंद्र तेवतिया ने दावा किया कि गढ़मुक्तेश्वर तीर्थनगरी को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है , अब मुख्यमंत्री जी से जिला सीमा विस्तार की मांग की जाएगी।
