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कस्टडी में मौत: प्रदीप के पापा को दहशत, बेटे की बातों पर सिस्टम मौन

कौन सुनेगा। किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं। पिलखुवा के गांव लाखन में प्रदीप ठाकुर की मौत पर दिल्ली से लखनऊ तक शोर मचा हुआ...

कस्टडी में मौत:  प्रदीप के पापा को दहशत, बेटे की बातों पर सिस्टम मौन
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Thu, 17 Oct 2019 12:54 AM
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कौन सुनेगा। किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं। पिलखुवा के गांव लाखन में प्रदीप ठाकुर की मौत पर दिल्ली से लखनऊ तक शोर मचा हुआ है। राष्ट्रीय मानवाधिकार ने डीजीपी और सचिव से रिपोर्ट तलब की है तो पीड़ित परिवार के घर नेताओं समेत रिश्तेदारों का सांत्वना देने के लिए तांता लगा है। जहां 12 साल का बेटा अपने पापा की आखिरी चीख को बता कर लोगों की आंखें नम कर रहा है तो जवान बेटे की अर्थी को बोझ उठाने वाले पिता की जुबान से निकल रहा है कि उनको परिवार की जान माल का भय सता रहा है।प्रीति हत्याकांड में सुपारी लेकर हत्या करने वालों से मोबाइल पर बात होने की पूछताछ में एक परिवार के मुखिया की मौत हो गई। इसमें दिनभर हंगामे तथा पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बाद पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार हो गया। लेकिन इसके बाद पुलिस हिरासत में हुई मौत पर सिस्टम ने चुप्पी साध ली है। जबकि परिवार की तरफ से कोई तहरीर नहीं दी जाने से मौत पर कानूनी कार्रवाई थम चुकी है। हालांकि पुलिस विभाग और न्यायिक जांच चल रही है। मौत पर पैसे के लेनदेन को लेकर फैसले की चर्चाओं ने पूरे जिले को झकझोर दिया। इसके बाद बुधवार को भी मृतक के परिजनों को सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत पर भले ही न्यायिक जांच के अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान ले लिया हो, लेकिन मारपीट पर एनसीआर तथा शांति भंग का अभियोग दर्ज करने वाली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस परिवार द्वारा तहरीर न देने पर रिपोर्ट दर्ज न कहने की बात कहकर अपना पल्लू झाड़ रही है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण सामान्य बताया जा रहा है, लेकिन प्रदीप ठाकुर के परिवार की हालत कुछ और ही बयां कर रही है। जहां उसकी पत्नी अभी तक बेहोशी की दशा में है जो रो-रोकर अपना आपा खो रही है। परंतु प्रदीप का वृद्ध पिता की आवाज धीमी पड़ चुकी है। उनका कहना है कि वह किसके खिलाफ कार्रवाई करें। उसको अपनी जान माल तथा बच्चों की फिक्र है। अपने बच्चों तथा परिवार के हित में वह कोई कार्रवाई करने से इंकार कर रहा है। वृद्ध पिता के दिल में दहशत ने सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।अंकल पुलिस पीट रही तो चीख रहे थे पापा--प्रदेश के पूर्व सपा मंत्री मदन चौहान के सामने प्रदीप ठाकुर का 12 साल के बेटा राहुल कह रहा था कि वह भी अपने पापा को छुडाने के लिए पुलिस वालों के पास पहुंच गया था। उसने कहा कि अंकल पापा की चीखने की आवाज आ रही थी जब अंदर पिटाई हो रही थी। 12 साल के मासूम बेटे की पिता के खोने के बाद सुनाई दास्तां ने लोगों की आंखे नम कर दी। लेकिन उस मासूम की कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है जिसका बचपन दुखों के बाजार में खड़ा हो गया है। क्योंकि उसने तो आखिरी समय अपने पापा की चीख कानों से सुनी जो जिंदगी भर कोई नहीं निकाल पाएगा।तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामान्य, बिसरा पिजर्व--अगर पुलिस सूत्रों की माने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामान्य बताई जा रही है। जिसकी बिसरा पिजर्व कर दिया गया है। यानि कि वीडियो में दिखाई दे रही संवेदनहीनता और पिटाई के कोई निशान आने से भी इंकार किया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों रुप से तो सात दिन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की बात कहकर कार्य की इतिश्री की जा रही है।

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