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कासिम के बच्चो पर मंडराया आर्थिक संकट

18 जून को गांव बझैड़ा में गोकशी के आरोप में कासिम की पीट-पीटकर हत्या के बाद मृतक के परिजनों पर इन दिनों आर्थिक संकट मंडरा रहा...

कासिम के बच्चो पर मंडराया आर्थिक संकट
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Tue, 17 Jul 2018 11:29 PM
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18 जून को गांव बझैड़ा में गोकशी के आरोप में कासिम की पीट-पीटकर हत्या के बाद मृतक के परिजनों पर इन दिनों आर्थिक संकट मंडरा रहा है। कासिम की पत्नी पति की मौत के बाद इत्तद में बैठी है, बच्चों की पढ़ाई खत्म हो चुकी है। दो बेटी जवान है, जिनका एक भाई ठेला लगाकर घर का खर्च चला रहा है। मृतक के भाई सलीम व नदीम इंसाफ के लिए वकीलों व राजनीतिक दलों के नेताओं से गुहार लगा रहे हैं। वहीं भीड़ द्वारा पीटकर घायल किये गए वृद्ध समयदीन के परिजन भयभीत है। जिसके चलते अब रिश्तेदारी में है। मृतक कासिम के परिजनों को मलाल है,शुरू में सब लोग आये काफी आश्वासन दिए गए, लेकिन अब कोई उनका हाल तक जानने नहीं आता है। मृतक कासिम की बड़ी बेटी नगमा (23), निशा (15), समीर (18), जुनैद (12), अर्श (8) असद(4) अब पढ़ाई से भी महरूम हो गए है।चाचा पर निर्भर है, परिवार--मृतक कासिम के दो भाई सलीम व नदीम के ऊपर पूरे परिवार का भार आ चुका है। बड़ा बेटा समीर चाचा के ठेले पर काम करके घर का खर्च चला रहा है। परिजनो ने बताया कि भईया जब शाम को कमा कर लाते हैं तो घर में खाना पकता है। लेकिन चाचा सलीम व भाई नदीम आरोपियों को सजा दिलाने व इंसाफ के लिए वकीलों से सलाह मशवरा कर रहे हैं।परिजनों को लगा झटका--कासिम की पीट-पीटकर हत्या व वृद्ध के साथ मारपीट के दौरान वायरल वीडियो में आरोपियो के चेहरे सामने आने के बाद व घायल समयदीन के बयान में 11 लोगों को नामजद किया गया था। इसमें चार आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है। जबकि आठ-दस दिन बाद ही एक आरोपी राकेश शिशौदिया की जमानत होने की परिजनों को खबर मिलने पर बड़ा झटका लगा है। जिसके बाद मृतक के भाई इसको उच्च न्यायालय की शरण में जाने के लिए वकीलों से सलाह मशवरा कर रहे है।पुलिस ने लगाया जोर--कोतवाली प्रभारी लक्ष्मण वर्मा ने बताया कि एक आरोपी की जमनत का विरोध किया गया था। इसके लिए कोर्ट में राकेश सिसौदिया की जमानत का विरोध करते हुए उसके पिछले मसूरी व पिलखुवा में दर्ज 19 के करीब मामलों की जानकारी दी गई थी। और पिछला एक वारंट भी जारी था,जिससे उसे अभी भी जेल में रखा गया है। पुलिस हरसंभव प्रयास में हैं, कि आरोपियों को सजा मिले उसके लिए पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं।क्या कहते हैं, जानकार--एडवोकेट कुंवर अय्युब अली ने बताया कि जिस कोर्ट से बेल हुई है,इसी कोर्ट में कैंसिलेसन डाली जा सकती है। दोबारा से सारे फैक्ट रखे जा सकते हैं। दूसरा यह है कि लोवर कोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट रिट डाल सकते हैं। - एडवोकेट अय्यूबअली के मुताबिक पिछली सपा सरकार के मंत्री रहे गायत्री प्रसाद को जिला जज ने बेल दे दी थी। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट ने जमानत केंसिल कर दी थी,वह अभी जेल में ही है। ऐसा ही हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।

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