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धर्मशाला और मंदिरों के कब्जे को लेकर तीर्थनगरी में होते रहते हैं बवाल

चोरी में केस दर्ज और पीछे राज, छिपा हुआ है आश्रम को लेकर बैनामा और कब्जे की शिकायत का किस्सा। यहां कब्जों को लेकर गोली चलना तथा लाठी चलने का मामला पहला नहीं...

धर्मशाला और मंदिरों के कब्जे को लेकर तीर्थनगरी में होते रहते हैं बवाल
हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Mon, 13 May 2019 12:41 AM
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चोरी में केस दर्ज और पीछे राज, छिपा हुआ है आश्रम को लेकर बैनामा और कब्जे की शिकायत का किस्सा। यहां कब्जों को लेकर गोली चलना तथा लाठी चलने का मामला पहला नहीं है। सपा सरकार में एक सपा नेता को लेकर भी फायरिंग हो चुकी है, जिसमें आरोपियों को जेल तक जाना पड़ा था। 400 से अधिक धर्मशाला वाली तीर्थनगरी में से 100 से अधिक धर्मशालाएं खत्म हो चुकी है जबकि मंदिरों पर कब्जे को लेकर कई स्थानों पर विवाद चल रहा है।पुलिस के रिकार्ड में मामला आश्रम में चोरी का दर्ज है जिसको लेकर की गई त्वरित कार्रवाई से पूरा जिला हतप्रभ है। भले ही पुलिस लिखा पढ़ी में चोरी के सामान को बरामद करने के लिए दबिश दिखा चुकी है पर आम लोगों की जुबान पर आश्रम के बैनामा तथा कब्जे को लेकर पुलिस का फ्रंट मोड पर आना चर्चा बन चुका है। क्योंकि जिस व्यक्ति के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज हुई है उसने आश्रम का बैनामा कर लिया था जिसका कोर्ट में विवाद चल रहा है। बहरहाल मामला चोरी का हो या सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों की मारपीट का पर इस कार्रवाई से तीर्थनगरी की धर्मशाला, आश्रम तथा मंदिरों पर कब्जे की कहानी फिर से लोगों के मुंह पर आनी शुरू हो गई है। क्योंकि सपा सरकार में भी ब्रजघाट में एक सपा नेता द्वारा धर्मशाला पर कब्जे को लेकर फायरिंग की गई ती जिसमें मारपीट तथा पथराव के दौरान पुलिस पहुंच गई थी। सपा नेता को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा था। इसके बाद फिर से कब्जा मुक्त कराने को लेकर पुलिस चर्चा में आ गई है।यहां पर धर्मशाला तथा मंदिरों पर होते हैं कब्जे--शिव पुराण में जिस धरती को मुक्ति की जमीन कहते हुए गणमुक्तेश्वर नाम से जाना गया वहां पर सैकड़ों साल पहले तथा आजादी के बाद धर्म के नाम पर बनाई गई धर्मशालाओं पर ही दबंगों की नजरे गड़ी हुई हैं। राजा महाराजाओं तथा दिल्ली, नोएडा और हरियाणा के धनाढ्यों द्वारा आम लोगों के लिए बनाई गई धर्मशालाओं पर कब्जे होने का क्रम लगातार जारी है। पालिका के आंकड़ों के अनुसार ब्रजघाट तीर्थनगरी में 400 से अधिक धर्मशालाएं कभी चार दशक पहले दिल्ली, हरियाणा तथा अन्य प्रदेशों के धनाढ्य परिवार द्वारा बनवाई गई थी। जबकि गढ़ नगर में भी लोगों को रुकने के लिए कई धर्मशालाएं बनवाई गई थी। सरकारी आंकड़ों में भी 200 से अधिक मंदिर तथा धर्मशालाओं का तीर्थनगरी में उल्लेख है लेकिन धीरे धीरे यह संख्या घटती जा रही है। क्योंकि बाहर के लोगों को द्वारा बनवा दी गई धर्मशालाओं पर दबंग लोगों द्वारा अपने आदमी छोड़कर कब्जे करा लिए गए हैं। जिसके बाद धर्मशालाओं का या तो मंदे में सौदा कर लिया जाता है अथवा जबरन उनपर कब्जा कर मालिकों को दौड़ा दिया जाता है। आंकड़े बताते हैं कि ब्रजघाट में सौ से अधिक धर्मशालाएं या तो आवास बन चुकी है अथवा उनमें कोई अन्य काम किया जा रहा है। गंगा मंदिर के पास दब गई सीढियां---गंगा मंदिर के पुराहित संतोष कौशिक बताते है कि मंदिर के लिए 108 सीढियां थी, जिसकी नीचे की सीढी गंगा को छू रही थी। गंगा के कलकल की आवाज सीढी पर आती थी। आज भी सीढी पर पत्थर गिराते हैं तो आवाज आती है। लेकिन कई सीढियां आज दब चुकी है। उन्होंने बताया कि गंगा मंदिर काफी ऊचे पर बना है जिसके ईर्द गिर्द की जमीन खाली थी। उन्होंने बताया कि सैकड़ों साल पहले यह मंदिर बना था जिसका जीर्णोद्वार रामपुर के नवाब हसनुल्ला खां ने कराया था। 1885-86 कमिश्नर जोसेफ हेरेज ने गंगा मंदिर तथा नक्का कुआं रखरखाव के लिए कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में होने वाली आमदनी का 1/8 हिस्सा दिए जाने के आदेश दिए थे। लेकिन आजादी के बाद वह आदेश फाइलों में दबकर रह गया। गंगा मैया का मुकुट हो गया था गायब---अपराधियों ने गंगा मैया का मुकुट समेत कई बैशकीमती मूर्तियां तक गायब कर दी थी लेकिन आज तक इसमें कुछ नहीं हुआ जिसके बाद हर साल आकृति चेंज करने वाली शिव की प्रतिमा को भी अपारधियों के भय से घर में ले जाकर रखना शुरू कर दिया गया था।इस संबंध में एएसपी राम मोहन सिंह का कहना है कि अगर धर्मशाला तथा मंदिरों पर कब्जे किए जा रहे हैं तो उनकी जांच कराकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा चोरी के मामले में भी जांच की जाएगी।

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