यमुना-बेतवा की रफ्तार पर ब्रेक, घटने लगा जल स्तर
0 यमुना चार और बेतवा आठ सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से घट रही 0 दोनों नदियों के घटने से तटीय इलाकों में राहत, लेकिन टला नहीं बाढ़ का खतरा फोटो- 07 एचएमप
हमीरपुर, संवाददाता। बांधों के पानी से तेजी से बढ़ी बेतवा-यमुना की रफ्तार पर बुधवार को ब्रेक लगना शुरू हो गया है। आज किसी भी बांध से पानी छोड़े जाने की कोई सूचना नहीं है। हालांकि बाढ़ का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। उधर, कोतवाली पुलिस लगातार तटीय इलाकों का भ्रमण कर लोगों को दूर रहने की चेतावनी दे रही है। खासतौर से बेतवा नदी से मौरंग की ढुलाई करने वाले ई-रिक्शा चालकों को चेताया गया है। उधर, कुरारा ब्लाक के पारा से कंडौर जाने वाले मार्ग के रपटा नाले में बेतवा का पानी भरने से दोनों गांवों का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। बैंक व विद्यालय जाने वालों तथा छात्र-छात्राओं को शंकरपुर से होकर आवागमन करना पड़ रहा है।
रविवार से यमुना-बेतवा नदियों में पानी बढ़ना शुरू हुआ था। बेतवा में माताटीला बांध से 3.34 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिससे नदी का जल स्तर सौ मीटर के पार चला गया था। इसी तरह यमुना में चंबल से होते हुए चार लाख क्यूसेक पानी आने से जलस्तर बढ़ रहा था। केंद्रीय जल आयोग के कुशल कार्य सहायक रामसहांय ने बताया कि शाम पांच बजे यमुना नदी का जलस्तर 100.66 और बेतवा का 100.38 मीटर पर था। यमुना चार और बेतवा आठ घंटा प्रति सेंटीमीटर की दर से घट रही है।
कुरारा। पारा से कंडौर गांव जाने वाले मार्ग पर पारा गांव से आगे नाले में रपटा बना है। बेतवा का पानी रपटे में भर गया है। जिससे दोनों गांवों का रास्ता बंद हो गया। पारा में इंटर कॉलेज तथा बैंक है। लोगों को शंकरपुर से होकर जल्ला गांव से चार किमी का चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। गांव निवासी मोहन सिंह ने बताया कि दो दिन से दोनो गांव का रास्ता बंद हो गया है।
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