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भौंरा प्रधान पद के नतीजे घोषित, सुरेंद्र को मिली कुर्सी

हमीरपुर । हिन्दुस्तान संवाद यमुना पट्टी के बीहडों में बसी ग्राम पंचायत...

भौंरा प्रधान पद के नतीजे घोषित, सुरेंद्र को मिली कुर्सी
हिन्दुस्तान टीम,हमीरपुरTue, 11 May 2021 11:12 PM
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हमीरपुर । हिन्दुस्तान संवाद

यमुना पट्टी के बीहडों में बसी ग्राम पंचायत भौंरा में हुए प्रधान पद के चुनाव का परिणाम मंगलवार को मतगणना के बाद घोषित किया गया। यहां पर प्रधान पद पर सुरेंद्र सिंह भदौरिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तुलसीराम को 134 मतों से हराया है। इस पंचायत मे 42 वर्षों के बाद सामान्य वर्ग का कब्जा हुआ है। जबकि इस पंचायत मे सामान्य वर्ग की आबादी उंगलियों में गिनने लायक है।

गत 26 अप्रैल को मतदाताओं के अंदर बही बदलाव की आंधी की बयार लगातार जारी है। 56 ग्राम पंचायतों में चली बदलाव की आंधी के बाद बयार थमी नहीं और मतदाताओं ने भौंरा में भी बदलाव की इबारत लिख दी। इस पंचायत में 80 के दशक के बाद से काबिज निषाद समुदाय के तिलस्म को मतदाताओं ने इस बार खत्म कर दिया। करीब 42 वर्षों पूर्व यहां के प्रधान महादेव सिंह को हराकर सूबेदार ने प्रधान पद पर कब्जा किया था। इसके बाद इस पंचायत में निषाद समुदाय का लगातार कब्जा जारी रहा। 2015 के चुनाव मे सूबेदार निषाद को फिर प्रधान बनने का मौका मिला। 5 वर्ष तक प्रधान रहने के बाद सूबेदार ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा। तीसरे चरण में हुए चुनाव के दौरान यहां के एक उम्मीदवार संतोष कुमार की प्रचार के दौरान मौत हो गई थी। इस वजह से चुनाव स्थगित हो गया था। बाद में आयोग के निर्देश पर 9 मई को मतदान कराकर 11 मई को मतगणना कराई गई। यहां प्रधान बनने के लिए 15 लोग मैदान में थे। सामान्य वर्ग से सुरेंद्र सिंह मैदान में थे। इनके सजातीय मतों की संख्या करीब 125 है। गांव में कुल मतदाता 1668 थे। इनमें निषाद समुदाय की बाहुल्यता थी।

मंगलवार को हुई मतगणना में सुरेंद्र सिंह भदौरिया ने 350 मत बटोरे। दूसरे स्थान पर रहे तुलसीराम निषाद को 216 मतों से ही संतोष करना पड़ा। मृतक संतोष कुमार की पत्नी मंजू निषाद को महज 112 मत प्राप्त हुए। तीसरे स्थान पर रामकुमार को 172 मत प्राप्त हुए। चौथे स्थान पर श्रीराम को 170 मत प्राप्त हुए हैं। शेष प्रत्याशी एक सैकड़ा मतों के आस-पास ही मत पा सके। इस तरह से 42 वर्षों के बाद इस अति पिछड़ी ग्राम पंचायत में सामान्य वर्ग का कब्जा हुआ है। ब्लॉक में अब 7 ग्राम पंचायतों का नेतृत्व क्षत्रिय समाज के हाथों में हो गया है। 56 में से पहले छह लोग चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। जीतने के बाद सुरेंद्र सिंह को जीत का प्रमाण पत्र चुनाव अधिकारी दिनेश सिंह द्वारा प्रदान किया गया।

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