हमीरपुर। हिन्दुस्तान संवाद
नमामि गंगे मिशन के अन्तर्गत पत्योरा डांडा में प्रस्तावित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट शासन से प्रस्तावित है। जिसके लिए लेखपाल द्वारा पट्टाधारकों की भूमि में प्लांट लगवाने का प्रस्ताव ग्राम समाज की भूमि बताकर भेज दिया गया है। जिससे उनकी जमीनी छिनने की स्थिति पैदा हो गई है। परेशान अनुसूचित जाति के किसानों ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर भूमिहीन होने से बचाने की मांग की है।
सदर तहसील क्षेत्र के पत्योरा डांडा गांव के अनुसूचित जाति के किसान रामसजीवन, रामप्रकाश, रोशनबाबू सोनकर, शिव सोनकर आदि ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर बताया कि चार दशक पूर्व आराजी नम्बर-699 में उनको पट्टे आवंटित हुए थे। जो संक्रमणीय भूमिधर हो चुके हैं। हाल ही में पत्योरा डांडा में यमुना नदी किनारे नमामि गंगे मिशन के अन्तर्गत 380 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट शासन से प्रस्तावित है। जिसके लिए ग्राम समाज की भूमि चिन्हित की जानी है। मगर प्रधान व लेखपाल की मिलीभगत से उनकी संक्रमणीय भूमि को ग्राम समाज की बताकर चिन्हित कर दिया है। जिससे उनको चार दशक पूर्व मिली जमीन जाने का खतरा पैदा हो गया है। परेशान पट्टाधारकों ने मामले की जांच कराकर ग्राम समाज की जमीन पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने की मांग की है।