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अपहरण की रिपोर्ट के नौवें दिन सकुशल लौटा बैंक मित्र

इलाहाबाद बैंक ममना में बैंक मित्र की हैसियत से काम करने वाला युवक 25 मार्च को अचानक लापता हो गया। उसी दिन देर रात बैंक मित्र ने अपने अपहरण का मैसेज भेज दिया। परेशान परिजन थाने पहुंचे। पिता की तहरीर...

अपहरण की रिपोर्ट के नौवें दिन सकुशल लौटा बैंक मित्र
हिन्दुस्तान टीम,हमीरपुरTue, 03 Apr 2018 10:42 PM
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इलाहाबाद बैंक ममना में बैंक मित्र की हैसियत से काम करने वाला युवक 25 मार्च को अचानक लापता हो गया। उसी दिन देर रात बैंक मित्र ने अपने अपहरण का मैसेज भेज दिया। परेशान परिजन थाने पहुंचे। पिता की तहरीर पर गांव के ही एक युवक पर अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। बैंक मित्र की तलाश में जुटी पुलिस उसे खोज पाती इससे पहले ही उसकी सकुशल वापसी हो गई। पुलिस ने बैंक मित्र से पूछताछ की तो उसने पूरे मामले को अपनी दिमागी खलल की वजह बताते हुए अफसोस जताना शुरू कर दिया। लेकिन पिछले एक सप्ताह से दौड़भाग में जुटी पुलिस ने बैंक मित्र और इसके पिता के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

पिता की तहरीर पर लिखी थी अपहरण की रिपोर्ट

मामला थाना जलालपुर के गांव ममना का है। गांव निवासी महेश कुमार तिवारी का पुत्र दीपक (28) गांव के इलाहाबाद बैंक में बैंक मित्र का काम करता है। इसकी बहन की 18 अप्रैल को शादी होने वाली है। 25 मार्च को दीपक अपने पिता के कहने पर बांदा में शादी के लिए गेस्ट हाउस बुक करने निकला था। लेकिन लौटकर नहीं आया। उसी दिन ममना गांव के भारतेंदु को फोन में दीपक का मैसेज मिला कि उसे बचो लो, समर पुत्र कज्जन ने उसे मार डालेगा। समर गांव का रहने वाला युवक है। इस मैसेज के बाद परिजन परेशान होकर थाने पहुंचे और समर के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने आनन-फानन में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

कई शहरों की खाक छानती घूम रही थी पुलिस

दीपक की खोज में कई टीमें लगाई गई। दीपक की बाइक बांदा रेलवे स्टेशन के बाहर बरामद हुई। दीपक की लोकेशन लखनऊ में मिली तो एक टीम लखनऊ रवाना हो गई। 27 मार्च को ममना के विवेक तिवारी के फोन पर अपहृत दीपक ने बात की और कहा कि उसकी लाश दो दिन बाद हरपालपुर (मप्र) रेलवे स्टेशन से उठा लेना। जिसके बाद पुलिस ने फिर से इसकी लोकेशन को ट्रेस किया तो इस बार दीपक की लोकेशन ग्वालियर में पता चली। पुलिस की टीमें उसे ग्वालियर और झांसी में तलाश करती रही। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। 30 मार्च को अपहृत दीपक ने अपने ससुर भगवतीशरण को फोन से बताया कि वो झांसी में है, उसे ले जाओ। जिसके बाद उसके ससुर उसे झांसी से राठ कस्बा में प्रयाग नारायण तिवारी के घर लेकर पहुंचे।

पुलिस ने सख्ती से पूछा तो बोला, दिमाग काम नहीं कर रहा था

एएसपी एलएस यादव ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से पुलिस दीपक की तलाश में जुटी हुई थी। सकुशल वापस लौटने के बाद जब थाना प्रभारी शिवमूरत यादव, एसएसआई अखिलेश यादव ने अपहृत से सख्ती से पूूछताछ की तो दीपक ने बताया कि उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था। पता नहीं उसने क्या सोचकर भारतेंदु के फोन पर मैसेज कर दिया था। वो अपनी निजी समस्याओं से परेशान था। उसे नहीं पता था कि उसके घर वाले रिपोर्ट दर्ज करा देंगे। उधर, नौ दिनों से घनचक्कर बनी घूम रही पुलिस इस हरकत को लेकर पिता-पुत्र पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

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