मिलावटी दूध की बिक्री पर रोक नहीं
जिले में मिलावटी दूध तो बिक रहा है पर नकली दूध की आवक या उत्पादन की शिकायत नहीं मिली है न बरामदगी हुई है और न ही कार्रवाई हुई है। प्रशासनिक आकड़ों के अनुसार जिले में दूध का उत्पादन गिरा...
जिले में मिलावटी दूध तो बिक रहा है पर नकली दूध की आवक या उत्पादन की शिकायत नहीं मिली है न बरामदगी हुई है और न ही कार्रवाई हुई है। प्रशासनिक आकड़ों के अनुसार जिले में दूध का उत्पादन गिरा है।
यद्यपि दूध का उत्पादन गिर रहा है यह सच है पर नकली दूध कहीं भी मिलने की कोई सूचना नहीं है। हां यह सच है कि दूध मिलावटी बिक रहा है पर उसके उपयोग से किसी तरह का नुकसान होने की अभी तक नहीं है। जिला मुख्यालय में अधिकांश आपूर्ति कानपुर व फतेहपुर जिलों से होती है। आपूर्ति करने वालों के सैंपल भी भरे जाते हैं। पिछले साल खाद्य सुरक्षा विभाग ने 45 नमूने दूध के लिए थे। इनमें 19 नमूने फेल हुए 9 पास हुए तथा 17 की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। 11 मुकदमे मिलावट के दायर किए गए। 2 का निर्णय आया है। दोनो को पांच पांच हजार का जुर्माना हुआ है।
खाद्य अभिहित अधिकारी विनोद कुमार शर्मा के अनुसार मिलावटी दूध के खिलाफ बारहमासी अभियान चलता रहता है। यद्यपि उप दुग्ध विकास अधिकारी सत्येन्द्र सिंह के पास जिले में दुग्ध उत्पादन की सही जानकारी नहीं थी। लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार 3 से 4 लाख लीटर दूध का उत्पादन प्रतिदिन होता है। एक से डेढ़ लाख लीटर की खपत प्रतिदिन है। यहां से मध्यप्रदेश, उरई, कानपुर दूध की आपूर्ति होती है। जिले में लगभग 240 समितियां हैं। इनमें 55 ही सक्रिय हैं। इन समितियों के माध्यम से दुध की खरीद होती है। भरुआ सुमेरपुर में दूध का प्लांट लगा हुआ है।