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दुर्घटना हितलाभ बीमा से दस लाख देने के निर्देश

जिला उपभोक्ता फोरम ने भारतीय जीवन बीमा निगम के विरुद्ध बड़ा फैसला लिया है। बीमा कंपनी को दुर्घटना हितलाभ बीमा धन से दस लाख रुपए पीड़िता को एक माह के अंदर अदा करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही शारीरिक व...

दुर्घटना हितलाभ बीमा से दस लाख देने के निर्देश
हिन्दुस्तान टीम,हमीरपुरTue, 17 Jul 2018 10:31 PM
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जिला उपभोक्ता फोरम ने भारतीय जीवन बीमा निगम के विरुद्ध बड़ा फैसला लिया है। बीमा कंपनी को दुर्घटना हितलाभ बीमा धन से दस लाख रुपए पीड़िता को एक माह के अंदर अदा करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही शारीरिक व मानसिक कष्ट के लिए पांच हजार का जुर्माना किया है।

बांदा के मलीकुंआ मुहाल निवासी अनीता सिंह पत्नी स्व.हरिश्चंद्र राजपूत ने 17 अगस्त को शाखा प्रबंधक एलआईसी राठ व जोनल मैनेजर सिविल लाइन कानपुर को पक्षकार बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई कि उसके पति प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक थे। ब्रजभान सिंह राजपूत निवासी अतरौलिया के जरिए न्यू जीवन आनन्द बीमा पालिसी 10 लाख की 28 जनवरी 2014 को कराई थी। इसके बाद 20 जनवरी 14 को वाहन दुर्घटना में घायल हो गए जिनकी इलाज के दौरान जिला अस्पताल बांदा में 21 नवंबर 14 को मृत्यु हो गई। जिसके बाद उसने बीमा क्लेम के सभी अभिलेख कार्यालय में जमा किए। लेकिन बीमा कंपनी ने 15 मार्च 2016 को बीमा दुर्घटना हितलाभ देने से इस आधार पर मना किया कि दुर्घटना के समय बीमा धारक ने शराब पीने के कारण संतुलन खो दिया।

फोरम ने बीमा कंपनी को तलब किया। जिसने जवाबदावा में कहा कि परिवादिया के पति दुर्घटना के समय अल्कोहल के प्रभाव में थे। अल्कोहल पीकर वाहन चलाना दंडनीय अपराध है तथा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन है। इसी आधार पर वाद निरस्त करने योग्य है। फोरम के न्यायाधीश रामकैलाश व सदस्या हुमैरा फात्मा ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी। उन्होंने अपने दाश में राष्ट्रीय आयोग द्वारा फूलवती बाई बनाम लिबर्टी वीडियोकॉन जनरल इंश्योरेंस कंपनी आदि मामले में पारित आदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि बीमा कंपनी दुर्घटना हितलाभ से किसी व्यक्ति को तभी वंचित कर सकती है जबकि यह साबित हो जाए कि बीमाधारक वाहन चलाते समय मादक द्रव्य पिए हुए थे। जांच में रक्त या पेशाब में एल्कोहल की मात्रा मोटर यान अधिनियम की धारा 185 (ए) के अनुसार पाया जाए। सिर्फ महक के आधार पर दुर्घटना हितलाभ बीमा धन न दिए जाने से वंचित नहीं किया जा सकता है।

फोरम अध्यक्ष रामकैलाश एवं सदस्या हुमैरा फात्मा की पीठ ने वाद स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेश दिया कि वह पीड़िता को दुर्घटना हितलाभ बीमा दस लाख एक माह के अंदर अदा करें। इसके अलावा फोरम में वाद दायर करने की तिथि से अंतिम अदायगी तक 6 प्रतिशत की ब्याज दर से ब्याज भी अदा करें। मुकदमा खर्चा, मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिए पांच हजार रुपए भी पाने की अधिकारिणी है। यह जानकारी फोरम के रीडर स्वतंत्र रावत ने दी।

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