तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाने में जुटा प्रशासन
देश में कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए जहां बीते आठ दिनों से कस्बा सहित यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने सभी कामकाज छोड़कर घरों में कैद हैं। लेकिन बाहर से आने वालों का सिलसिला जारी है।...
देश में कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए जहां बीते आठ दिनों से कस्बा सहित यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने सभी कामकाज छोड़कर घरों में कैद हैं। लेकिन बाहर से आने वालों का सिलसिला जारी है। दिल्ली की तब्लीगी जमात में कोरोना से संक्रमित लोगों के मिलने के बाद से हड़कंप कुछ ज्यादा है। कस्बे में भी अफवाहों का बाजार है। गाजियाबाद से लौटे एक मौलाना को उसके साथियों को लेकर भी तमाम तरह की चर्चाएं की जा रही हैं।
बताते चलें कि कस्बे सहित यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन के सभी नियम-कायदे प्रशासन की हीलाहवाली की भेंट चढ़ते दिखाई दे रहे हैं। बाहर से आए सैकड़ों लोग शेल्टर होम से भाग रहे हैं। इतना ही नहीं गांव क्षेत्र में बनाए गए शेल्टर होम में ये लोग महज हाजिरी और भोजन के लिए पहुंचते हैं। बाकी अपने घरों में पहुंच परिजनों एवं पड़ोसियों के बीच समय काटते हैं।
कस्बे के एक मोहल्ला में दो दिन पूर्व एक मौलाना अपनी पत्नी सहित चार लोगों के साथ बाहर से आकर अपने घर परिवार में रह रहा है। लोगों का मानना है कि मौलाना का परिवार दिल्ली की तब्लीगी जमात से लौटकर आया है। इसकी सूचना लोगों ने स्थानीय प्रशासन सहित एलआईयू को दी थी। जिस पर कोतवाली के एक दरोगा ने मौलाना के घर पहुंच उससे जानकारी मांगी तो मौलाना का कहना था कि वह अपने परिवार सहित गाजियाबाद से आया है। मामला कुछ भी हो लेकिन दरोगा ने उसे घर में ही रहने की सलाह देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली है। उधर, बुधवार को नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजेश वर्मा व पुलिस ने यहां के मदरसों में दिल्ली के तब्लीगी कार्यक्रम में शामिल होने वालों के बारे में जानकारी हासिल की, लेकिन यहां से किसी भी व्यक्ति के दिल्ली नहीं जाने की पुष्टि हुई है।
