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पांच दिन में मिले टीबी के 29 नए मरीज, इलाज शुरू

हमीरपुर। हिन्दुस्तान संवाद टीबी हारेगा- देश जीतेगा अभियान के तहत जनपद में...

पांच दिन में मिले टीबी के 29 नए मरीज, इलाज शुरू
हिन्दुस्तान टीम,हमीरपुरFri, 08 Jan 2021 11:45 PM
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हमीरपुर। हिन्दुस्तान संवाद

टीबी हारेगा- देश जीतेगा अभियान के तहत जनपद में 2 जनवरी से शुरू हुए टीबी रोगी खोज अभियान (एसीएफ) के द्वितीय चरण में पांच दिन के अंदर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 29 नए टीबी रोगी खोज निकाले हैं। जांच में पुष्टि के साथ ही इन सभी का उपचार शुरू करा दिया गया है। अभियान 12 जनवरी तक चलेगा।

केंद्र सरकार के वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरे माह टीबी रोगियों की खोजबीन शुरू की गई। गत माह जिला कारागार, वृद्धाश्रम में रहने वालों की स्क्रीनिंग और जांच की गई। लेकिन दोनों स्थानों से एक भी टीबी रोगी नहीं मिला। 2 से 12 जनवरी तक घर-घर टीबी रोगियों की खोज अभियान शुरू किया गया है, जो अभियान का द्वितीय चरण है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की 88 टीमें लगी हुई हैं। 7 जनवरी तक टीमों ने जिले में कुल 29 नए टीबी रोगी खोज निकाले हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि पांच दिनों में टीम ने 311 संभावित मरीजों के सैंपल लेकर जांच को भेजे, जिसमें 29 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। इन सभी को संबंधित सीएचसी/पीएचसी स्तर से टीबी की दवाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि हमीरपुर, सरीला और सुमेरपुर में 6-6, राठ में 5, मुस्करा में 4 और मौदहा में 2 नए टीबी के मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस बार अभियान में 2.29 लाख आबादी को शामिल किया गया है। पांच दिनों में 1.31 लाख लोगों तक टीम पहुंच चुकी है। शेष बचे दिनों में अन्य लोगों तक भी टीम पहुंचेगी और टीबी के लक्षण वाले संभावित मरीजों के सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी।

दो चरणों में होता है उपचार

डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि प्रथम चरण की टीबी (इंटेसीव फेस) में रोगी सप्ताह में तीन बार केंद्र पर आकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता के समक्ष उच्च कोटि की औषधि सेवन करेंगे। यह दो से तीन माह तक चलता है। द्वितीय चरण (कान्टीनियेशन फेस) के क्षय रोगी को सप्ताह में एक बार केंद्र पर आकर दवा का सेवना करना होता है। शेष खुराक घर पर सेवन के लिए दी जाएगी। यह चरण चार से छह माह तक चलता है। डॉट पद्धति में टीबी रोगी 6 से 8 महीने के कोर्स से टीबी से मुक्त हो जाता है।

एक टीबी रोगी तैयार करता है 10 से 15 नए रोगी

डीटीओ ने बताया कि फेफड़े के टीबी रोग से पीड़ित एक व्यक्ति एक साल में कम से कम 10 से 15 स्वस्थ्य व्यक्तियों को क्षय रोग से संक्रमित करता है। टीबी रोग मानव शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। प्रारंभ में टीबी रोग के लक्षण साधारण होते हैं, जैसे भूख न लगना, वजन कम होना, थकावट, काम में मन नहीं लगना तथा शाम को हल्का बुखार। खांसी आना, सूखी या बलगम के साथ। कभी-कभी छाती में दर्द होना या बलगम में खून तथा सांस फूलना, गले में गांठ उठना। यदि उक्त लक्षण लगातार दो सप्ताह से हैं तो व्यक्ति को टीबी रोग हो सकता है।

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