मुरादाबाद दंगे में परदादा की हुई थी हत्या, अब गौरीशंकर मंदिर खुलवाने की फरियाद लेकर पहुंचा परपोता
मुरादाबाद में 1980 में हुए दंगों के बाद से बंद गौरीशंकर मंदिर को खुलवाने की मांग लेकर एक युवक गुरुवार को डीएम-एसएसपी से मिलने पहुंचा। उसका दावा है कि उसके परदादा ने उक्त मंदिर अपनी जमीन पर बनवाया था। मंदिर के आसपास मुस्लिम आबादी में होने के कारण स्थानीय लोग उसे मंदिर नहीं खोलने देते।

मुरादाबाद में 1980 में हुए दंगों के बाद से बंद गौरीशंकर मंदिर को खुलवाने की मांग लेकर एक युवक गुरुवार को डीएम-एसएसपी से मिलने पहुंचा। उसका दावा है कि उसके परदादा ने उक्त मंदिर अपनी जमीन पर बनवाया था। दंगों में परदादा की हत्या के बाद उसका पूरा परिवार पलायन कर लाइनपार में बस गया। मंदिर के आसपास मुस्लिम आबादी में होने के कारण स्थानीय लोग उसे मंदिर नहीं खोलने देते। डीएम ने इस मामले में एसपी सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट को मंदिर का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने को कहा है।
अफसरों के पास फरियाद लेकर पहुंचे सेवाराम ने दावा किया कि उनके परदादा भीमसेन ने नागफनी थाना क्षेत्र में झब्बू के नाले के पास करीब सौ साल पहले अपनी जमीन पर गौरीशंकर मंदिर की स्थापना की थी। वही उसमें पूजापाठ किया करते थे। उक्त मंदिर में 1980 तक पूजापाठ होता रहा। 1980 में हुए दंगों में दूसरे पक्ष की भीड़ ने उनके परदादा भीमसेन की हत्या कर दी। जान बचाने के लिए उसका पूरा परिवार नागफनी से पलायन कर लाइनपार में बस गया। सेवाराम ने यह भी आरोप लगाया कि बाद में कई बार उसने उक्त मंदिर को खोलने का प्रयास किया लेकिन उसे जान से मारने की धमकी दी गई। उसका आरोप है कि मंदिर पर अवैध कब्जा हो गया है।
सेवाराम ने डीएम और एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में गौरीशंकर मंदिर को खुलवाने की मांग की है। जिलाधिकारी अनुज सिंह ने एसपी सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट से मंदिर का निरीक्षण कर आख्या मांगी है। जिलाधिकारी ने कहा कि पहले निरीक्षण आख्या मिल जाए इसके बाद क्या किया जा सकता है तभी तय होगा। फिलहाल उन्होंने निरीक्षण के आदेश जारी कर दिए हैं। एसएसपी को भी इस प्रकरण की जानकारी भेजी है।