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VIDEO:समाज को हमेशा से नई दिशा दिखाता रहा है गुरु: योगी 

गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा पर्व और वेदव्यास जी की जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आज भारत की प्राचीन गुरु परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का...

VIDEO:समाज को हमेशा से नई दिशा दिखाता रहा है गुरु: योगी 
प्रमुख संवाददाता ,गोरखपुरTue, 16 Jul 2019 05:36 PM
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गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा पर्व और वेदव्यास जी की जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आज भारत की प्राचीन गुरु परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का पर्व है। गुरु, हमेशा से समाज को नई दिशा दिखाता रहा है। गुरु शिष्य की परंपरा को समय-समय पर अनेक ऋषि मुनियों ने अपने उदार चरित्र से नई ऊंचाइयां दी हैं। 

वह गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा के मौके पर अपने शिष्‍यों को सम्‍बोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि वे लोग सौभाग्यशाली हैं जो महायोगी गोरक्षनाथ की धरती पर गुरु शिष्य की इस महान परंपरा को निभाने का अवसर पाए हैं। भारत की महान गुरु शिष्य परंपरा के दीप गुरु नानक और गुरु गोविंद सिंह महाराज के जीवन का चरित्र का चित्रण करते हुए उन्‍होंने कहा कि जिस समय देश, विदेशी आक्रांताओं से जूझ रहा था उस समय भारत के महापुरुषों ने अपने प्रेरणादायी कर्तव्य निर्वहन के जरिए भारत के महान गौरव की रक्षा की।

अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी को याद करते हुए योगी ने कहा कि चार वर्ष पूर्व तक सभी को गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त होता था। आज संसार में नहीं हैं लेकिन उनका आर्शीवाद हमेशा सभी के साथ है। उन्‍होंने कहा कि गुरुदेव द्वारा प्रशस्त किये गए मार्ग जैसे गौ सेवा, शिक्षण संस्थान, चिकित्सा और वनवासी सेवा कार्यक्रमों के जरिए गोरक्षनाथपीठ लोक कल्याण के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ रही है।

दुख का सबसे बड़ा कारण 'मैं' और 'मेरा'
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि दुःख का सबसे बड़ा कारण मैं और मेरा है। जब व्यक्ति नकारात्मक होकर सिर्फ अपने और अपने परिवार के बारे में सोचता है तो समाज पतन की ओर बढ़ता है। यदि सकारात्मक होकर सबके भले के लिए सोचता है तो उसे सफलता प्राप्त होती है। समाज का भी भला होता है। योगी  ने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। सभी को अपने अपने क्षेत्रों में काम करते हुए एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए जिससे समाज को एक नई ऊर्जा प्राप्त हो। उन्‍होंने कहा कि ईश्वर किसी के साथ अन्याय नहीं करता, हम ईश्वर की कृपा को किस रूप में लेते हैं यह हम पर निर्भर करता है।

योगी ने कहा कि धर्म सिर्फ उपासना या पूजा पद्धति नहीं है बल्कि धर्म एक माध्यम है जो हमें लोक कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। योग परंपरा की व्याख्या करते हुए योगी ने कहा कि योग, भारत की ऋषि परंपरा का प्रसाद है। जिसको वैश्विक पटल पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पहचान दिलाई आज पूरा विश्व, 21 जून को योग दिवस के रूप में मना रहा है। कहा कि पहले कुम्भ का मतलब अराजकता और गंदगी हुआ करता था मगर 2019 के कुम्भ को यूएनओ द्वारा विश्व की अमूल्य धरोहर घोषित किया गया जिसमें दुनिया के 127 देशों के लोगों ने हिस्सा लिया। उन्‍होंने सभा में मौजूद सभी लोगों से संकल्प लेकर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाने की अपील की।

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