12वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद बने योगी आदित्यनाथ
1998 के आम चुनाव में गोरखपुर सीट से गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के शिष्य व उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ की सियासत में एंट्री हुई तो उत्तरी पूर्वांचल की नौ सीटों में से सात भाजपा ने जीत ली। योगी...

1998 के आम चुनाव में गोरखपुर सीट से गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के शिष्य व उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ की सियासत में एंट्री हुई तो उत्तरी पूर्वांचल की नौ सीटों में से सात भाजपा ने जीत ली। योगी 12वीं लोकसभा के सबसे कम उम्र के सांसद थे। उस वक्त उनकी उम्र महज 26 साल थी।
पहले चुनाव में 26 हजार वोटों से जीते थे योगी आदित्यनाथ, सबसे कम उम्र के सांसद बने
महराजगंज से पंकज की हैट्रिक, दोनों मंडलों की अन्य सीटें भी भाजपा ने जीतीं
देवरिया से मोहन सिंह दूसरी बार बने सांसद, सलेमपुर से हरिकेवल प्रसाद जीते
गणित से एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरक्षनाथ पर शोध करने गोरखपुर आए योगी आदित्यनाथ, गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के सम्पर्क में आकर 1994 में संन्यासी हो गए थे। चार साल बाद 1998 में गोरक्षपीठाधीश्वर ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया। भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे योगी के मुकाबले समाजवादी पार्टी से जमुना प्रसाद निषाद, बसपा से प्रसाद यादव और कांग्रेस से हरिकेश बहादुर मैदान में थे। योगी ने 26,206 मतों से वह चुनाव जीता। उन्हें कुल 2,68,428 मत मिले। सपा के जमुना प्रसाद निषाद को 2,42,222, बसपा के प्रसाद यादव को 85,282 तो कांग्रेस के हरिकेश बहादुर को 22,621 मत मिले।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ सीटों में से सात सीटें भाजपा ने जीत कर भगवा लहरा दिया था। उस चुनाव में भाजपा के राजनारायण पासी ने सपा की सुभावती पासवान को बांसगांव सीट पर हरा कर 1996 का बदला ले लिया। राजनारायण इसके पहले 1991 में सांसद बने थे लेकिन 1996 में पति ओमप्रकाश पासवान की हत्या के बाद मुकाबले में उतरीं सुभावती पासवान ने उन्हें हरा दिया था। पड़रौना से रामनगीना मिश्र और महराजगंज से पंकज चौधरी भाजपा के टिकट पर तीसरी बार संसद में पहुंचे।
डुमरियागंज से भाजपा के रामपाल सिंह ने सपा के बृजभूषण तिवारी से सीट छीनी तो खलीलाबाद में इंद्रजीत मिश्र और बस्ती में श्रीराम चौहान ने भाजपा का परचम लहराया।
इंद्रजीत मिश्र ने जनता के सुरेन्द्र यादव से सीट छीनी तो श्रीराम चौहान दूसरी बार सांसद बने। देवरिया से समाजवादी पार्टी के मोहन सिंह और सलेमपुर में समता पार्टी के हरिकेवल प्रसाद ने जीत हासिल की।.
12वें आम चुनाव में भाजपा ने कुल 182 और कांग्रेस ने 141 सीटें हासिल की थीं। अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन जयललिता की एआईएडीएमके के एनडीए से अलग हो जाने के चलते उनकी सरकार अल्पमत में आ गई। 17 अप्रैल 1999 को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसमें एक वोट से अटल सरकार गिर गई। देश को फिर मध्यावधि चुनाव का सामना करना पड़ा।
गोरखपुर योगी आदित्यनाथ,भाजपा
बांसगांव राजनारायण पासी, भाजपा
सलेमपुर हरिकेवल प्रसाद,समता पार्टी
देवरिया मोहन सिंह, सपा
पड़रौना रामनगीना मिश्र,भाजपा
महराजगंज पंकज चौधरी,भाजपा
डुमरियागंज रामपाल सिंह,भाजपा
खलीलाबाद इंद्रजीत मिश्र,भाजपा
बस्ती श्रीराम चौहान,भाजपा
एक वोट से गिर गई थी अटल सरकार
12वें आम चुनाव में भाजपा ने कुल 182 और कांग्रेस ने 141 सीटें हासिल की थीं। अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन जयललिता की एआईएडीएमके के एनडीए से अलग हो जाने के चलते उनकी सरकार अल्पमत में आ गई। 17 अप्रैल 1999 को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसमें एक वोट से अटल सरकार गिर गई। देश को फिर मध्यावधि चुनाव का सामना करना पड़ा।
