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VIDEO: योगमय दिखा गुरु गोरखनाथ का गोरखपुर

गोरखपुर। मुख्य संवाददाता अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार 21 जून को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में तकरीबन 2000 से अधिक साधकों ने योग किया। योग प्रशिक्षक राजशेखर और उनकी...

Ajay.singh1मुख्य संवाददाता,गोरखपुरWed, 21 Jun 2017 07:04 PM

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गोरखपुर। मुख्य संवाददाता
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार 21 जून को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में तकरीबन 2000 से अधिक साधकों ने योग किया। योग प्रशिक्षक राजशेखर और उनकी टीम के निर्देशन में साधकों ने योग करने के साथ ही साथ निरोग रहने के टिप्स भी सीखे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार की सुबह ही साधक विश्वविद्यालय परिसर में पहुंच गए। योग प्रशिक्षक राजशेखर ने योग के एक-एक आशन बताए और उनके सहयोगियों ने लोगों को क्रियात्मक योग सिखाए। तकरीबन एक घंटे तक साधकों ने बाकायदा योग किया। इस दौरान प्रशिक्षक राजशेखर ने योग के हर आसन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। किस आसन को करने से क्या लाभ होता है, इसके बारे में भी बताया। 
विश्वविद्यालय परिसर में मंडलायुक्त अनिल कुमार, जिलाधिकारी राजीव रौतेला, आईजी मोहित अग्रवाल, डीआईजी निलाब्जा चैधरी, मेयर सत्या पांडेय, विधायक चौरीचौरा संगीता यादव एवं संभ्रांत नागरिक मौजूद थे। यहां कार्यक्रम का संचालन प्रो. विनीता पाठक ने किया।

लखनऊ में योग शिविर का सजीव प्रसारण
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में योग करने पहुंचे साधकों को परिसर में जगह-जगह लगाए गए एलईडी वैन के जरिए लखनऊ में आयोजित योग शिविर का सजीव प्रसारण भी दिखाया गया। लखनऊ में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी साधकों के साथ योग किया।

योग ही है निरोग रहने का मुख्य मार्ग : धर्मपाल
दीन दयाल उपायाय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर मेंआयोजित योग कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री व सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह यादव मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि तन एंव मन की शुद्धि के लिए योग जरूरी है। विश्व का हर व्यक्ति चाहता है कि उसका जीवन रोगमुक्त हो। स्वस्थ्य हो। इन सबको अगर किसी मार्ग से पाया जा सकता है तो वह योग का ही मार्ग है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मोदी ने योग की अहमियत पूरे विश्व को बताया। उन्हीं की वजह से विश्व के कई देशों में योग हो रहा है। भारत योग के जरिए विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।


महायोगी गोरखनाथ योग के क्रियात्मक पक्ष के मुख्य आचार्य
गोरखनाथ मंदिर के स्मृति भवन के सभागार में विशिष्ट अतिथि कटक उड़ीसा आए महन्त शिवनाथ महराज ने कहा कि हमारे चित्त एवं शरीर को सांसारिक मलो से निर्मूल कर योग हमारे आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि योग द्वारा शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शान्ति एवं आध्यात्मिक उपलब्धि तीनों ही सम्भव है।योग की वर्णाक्षरी अभ्यास एवं वैराग्य है। महायोगी गुरू गोरखनाथ जी की वाणी का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि देते हुए कहा कि ‘‘मरो हे योगी मरो, मरण है मीठा’’ मरण में मीठास की बात महायोगी गोरखनाथ जी जैसा योगाचार्य ही कह सकता है। हठयोग विद्या आदिनाथ भगवान शिव से आरम्भ होकर मत्स्येन्द्रनाथ, गोरखनाथ एवं अन्य नवनाथ चौरासी सिद्धो को प्राप्त हुई। सभी प्रकार के ज्ञान के आदि स्रोत आदिनाथ भगवान शिव ही है। हठयोग साधना एवं राजयोग साध्य है। महंथ शिवनाथ ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ जी योग के क्रियात्मक पक्ष के मुख्य आचार्य है। पतंजलि ने केवल सिद्धान्त दिया। किन्तु गुरू गोरखनाथ जी ने उसे और विकसित स्वरूप देते हुए उसका क्रियात्मक पक्ष समाज के समक्ष प्रस्तुत किया। योग को जनसामान्य के लिए सुलभ बना दिया।

प्रेमचंद्र पार्क में लगा योग शिविर
बुधवार की सुबह 6 बजे ही बड़ी संख्या में लोग मुंशी प्रेमचंद्र पार्क में इकट्ठा हो गए। सेवानिवृत्त सीओ शिवपूजन सिंह यादव, विवि के सेवानिवृत्त प्रो. प्रभाशंकर पांडेय, दिनेश, गौतम समेत दर्जन भर लोगों ने व्यवस्था संभाल ली और 6:30 बजे से योगाचार्य ने योग प्रशिक्षण शुरू कर दिया। यहां तकरीबन 300 महिलाओं और पुरुषों ने योग किया। 

यहां हुए आयोजन
विन्धवासिनी पार्क, चम्पा देवी पार्क, एमपी इंटर कालेज मैदान, राजकीय जुबिली इंटर कालेज, एडी राजकीय कन्या इंटर कालेज, रेल अधिकारी क्लब, गोरखपुर आब्स एण्ड गाइनी सोसायटी, आरोग्य मंदिर, गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन सभागार, बीआरडी मेडिकल कालेज, ह्वीपार्क समेत सैकड़ों स्थानों पर लोगों ने सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत स्थानों पर व्यक्तिगत स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित किए। 

कैदियों ने भी किया योग
जिला कारागार में बंदियों ने भी योग शिविर में हिस्सा लिया। विधायक फतेह बहादुर सिंह यहां मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिए।