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यती वर्मा के निधन से गोरखपुर में शोक, छात्रनेताओं ने ऐसे किया याद

गोलघर निवासी यती कुमार वर्मा 80 के दशक में विश्वविद्यालय छात्र राजनीति में दखल रखते थे। वह छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़े लेकिन हार गए। छात्रहित की बात लेकर कुछ स्थानीय नेताओं के साथ लखनऊ जाकर...

यती वर्मा के निधन से गोरखपुर में शोक, छात्रनेताओं ने ऐसे किया याद
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरFri, 21 Sep 2018 12:44 PM
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गोलघर निवासी यती कुमार वर्मा 80 के दशक में विश्वविद्यालय छात्र राजनीति में दखल रखते थे। वह छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़े लेकिन हार गए। छात्रहित की बात लेकर कुछ स्थानीय नेताओं के साथ लखनऊ जाकर गृहसचिव का मेज पलटने के आरोप में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। रासुका में निरुद्ध किए जाने की वजह से 6 माह वह नैनी जेल में बंद रहे।

यती वर्मा का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार को यती वर्मा की मौत हो जाने की खबर गोरखपुर पहुंची तो लोग सन्न रह गए। 80 के दशक में विवि छात्र राजनीति से जुड़े और छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे राधेश्याम सिंह ने बताया कि तब यती वर्मा की पहचान मजबूत छात्रनेता के रूप में होती थी।

उन्होंने छात्रसंघ चुनाव में हिस्सेदारी ली। छात्रों की समस्याओं को लेकर वर्ष 1981 में यती वर्मा तत्कालीन छात्रनेता देवेंद्र प्रताप सिंह, वीरेंद्र नायक और रामानंद सिंह के साथ मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ गए थे। मुख्यमंत्री से मुलाकात न होने पर इन लोगों ने तत्कालीन गृहसचिव से मुलाकात की। बातचीत के दौरान चारो नेताओं ने उनकी मेज उलट दी।

श्री सिंह ने बताया कि छात्रनेताओं का यह दल गोरखपुर लौटा उसी समय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रासुका की कार्रवाई की गई और चारो लोगों को नैनी जेल में भेज दिया गया जहां ये 6 माह बंद रहे। रामदरश विद्यार्थी ने बताया कि यती वर्मा ने सामाजिक कार्यों में अहम भूमिका निभाई। काफी दिनों तक वह दुर्गा पूजा समिति गठित कर गोलघर में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना कराते रहे। वह कुछ इंटरमीडिएट व डिग्री कालेज प्रबंधतंत्र में पदाधिकारी भी रहे।

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